SHIKSHAK BHARTI, BASIC SHIKSHA, TEACHER : यूपी में परिषदीय स्कूलों में हो सकती हैं शिक्षकों की नई भर्तियां, शिक्षा मंत्री ने दिए ये संकेत, क्लिक कर पढ़ें।
यूपी के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की नई भर्ती जल्द हो सकती है। विधानसभा में कार्यवाही के दौरान शिक्षा मंत्री ने इसके संकेत दिए।

परिषदीय विद्यालयों में निशुल्क पुस्तक वितरण की पूरे प्रदेश में होगी जांच
परिषदीय विद्यालयों में निशुल्क वितरित की जाने वाली किताबों से जुड़ी व्यवस्था की पूरे प्रदेश में जांच कराई जाएगी। विधान परिषद के सभापति ने सिद्धार्थनगर के बांसी में इन किताबों को कबाड़ में बेचने का मामला संज्ञान में आने के बाद यह निर्देश दिया है।
एमएलसी ध्रुव त्रिपाठी ने यह मामला उठाते हुए बताया कि निशुल्क वितरण के लिए भेजी गई किताबें बांसी में 8000 रुपये में बेचीं गईं। इस मामले में कुछ कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन उच्च अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कहा, बीआरसी तक तो किताबें पहुंच जाती हैं, लेकिन स्कूलों में बच्चों को सभी किताबें नहीं मिलती हैं। ऐसे में पूरे प्रदेश में वितरण व्यवस्था की एसआईटी से जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
इस पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है। बच्चों को समय से सभी किताबें मिलें, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। सत्र शुरू होने से पहले शत-प्रतिशत किताबें पहुंच रही हैं। आगे ऐसी घटना न हो और हर बच्चे तक सभी किताबें पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाएगा। इस जवाब से एमएलसी संतुष्ट नहीं हुए और वे मामले की जांच कराने की मांग की। इस पर सभापति ने निर्देश दिया कि पूरे प्रदेश में किताबें बांटी गई या नहीं, इसकी पुष्टि कराएं। जुलाई की जगह किताबें सितंबर-अक्तूबर तक न बंटे, यह सुनिश्चित करें। ऐसी व्यवस्था बनाएं कि अप्रैल में ही विभाग को पता चल जाए कि कितनी किताबें बंटी। उन्होंने कहा कि अगले सत्र से पहले इसकी जांच कराएं जिससे सदन के सभी सदस्य संतुष्ट हों।
एमएलसी ध्रुव त्रिपाठी ने यह मामला उठाते हुए बताया कि निशुल्क वितरण के लिए भेजी गई किताबें बांसी में 8000 रुपये में बेचीं गईं। इस मामले में कुछ कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन उच्च अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कहा, बीआरसी तक तो किताबें पहुंच जाती हैं, लेकिन स्कूलों में बच्चों को सभी किताबें नहीं मिलती हैं। ऐसे में पूरे प्रदेश में वितरण व्यवस्था की एसआईटी से जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
इस पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है। बच्चों को समय से सभी किताबें मिलें, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। सत्र शुरू होने से पहले शत-प्रतिशत किताबें पहुंच रही हैं। आगे ऐसी घटना न हो और हर बच्चे तक सभी किताबें पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाएगा। इस जवाब से एमएलसी संतुष्ट नहीं हुए और वे मामले की जांच कराने की मांग की। इस पर सभापति ने निर्देश दिया कि पूरे प्रदेश में किताबें बांटी गई या नहीं, इसकी पुष्टि कराएं। जुलाई की जगह किताबें सितंबर-अक्तूबर तक न बंटे, यह सुनिश्चित करें। ऐसी व्यवस्था बनाएं कि अप्रैल में ही विभाग को पता चल जाए कि कितनी किताबें बंटी। उन्होंने कहा कि अगले सत्र से पहले इसकी जांच कराएं जिससे सदन के सभी सदस्य संतुष्ट हों।
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