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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

BASIC SHIKSHA, HIGHCOURT, SUPREME COURT : बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू किया ऑनलाइन पोर्टल कोर्ट केस मॉनीटरिंग सिस्टम, समय से होगी वादों की पैरवी, मुख्यालय करेगा निगरानी

BASIC SHIKSHA, HIGHCOURT, SUPREME COURT : बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू किया ऑनलाइन पोर्टल कोर्ट केस मॉनीटरिंग सिस्टम, समय से होगी वादों की पैरवी, मुख्यालय करेगा निगरानी

अधिकारियों के मोबाइल पर मैसेज से मिलेगी मुकदमों की जानकारी

जिला स्तर पर भी अधिकारी देख सकेंगे मुकदमों की अद्यतन स्थिति


लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने यहां लगातार बढ़ रहे कोर्ट केस और उसे लेकर हो रही विभाग की किरकिरी से बचने व वादों के त्वरित निस्तारण के लिए एक महत्वपूर्ण कवायद की है। शासन व विभाग के अन्य उच्च अधिकारी न्यायालय से जुड़े मामलों की सीधे ऑनलाइन मॉनीटरिंग करेंगे। इसके लिए विभाग ने कोर्ट केस मॉनीटरिंग सिस्टम (सीसीएमएस) पोर्टल लॉन्च किया है।



प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों से जुड़े काफी मामले हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चल रहे हैं। इसमें काफी मामले शिक्षकों व विभाग के ही अधिकारियों से जुड़े हुए हैं। कई बार समय से वादों की जानकारी न होने व सही ढंग से पैरवी न होने के कारण विभाग के उच्च अधिकारियों को खुद कोर्ट में उपस्थित होना पड़ता है। इन स्थितियों को देखते हुए प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम की पहल पर मुकदमों की सही ढंग से पैरवी व त्वरित निस्तारण के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है।


हाल ही में इसका विधिवत उद्घाटन भी किया गया है। अब बीएसए व निदेशालय स्तर के अधिकारी उनके मामलों से जुड़ी फाइलों को लंबित नहीं रख सकेंगे। इसमें अगले एक सप्ताह के वादों की जानकारी पोर्टल पर दिखेगी। वहीं संबंधित अधिकारियों को मैसेज से भी वादों की जानकारी मिलेगी। सीसीएमएस पोर्टल का लॉगिन सभी जिला स्तर के अधिकारियों को भी उपलब्ध कराया गया है।


कंटेंप्ट केस में व्यक्तिगत उपस्थिति की स्थिति में संबंधित अधिकारी के सीयूजी नंबर पर मैसेज जाएगा। इससे वह संबंधित मामलों की खुद त्वरित निगरानी व अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस सिस्टम में यह भी व्यवस्था दी गई है कि जनप्रतिनिधियों व उच्च स्तर से मिले निर्देशों को डाक पोर्टल पर पंजीकृत करके संबंधित निदेशालय, जिला व विकास खंड स्तर के अधिकारियों को भेजा जा सकेगा। संबंधित जिला, विकास खंड द्वारा इन प्रकरणों पर समय से कार्यवाही करते हुए साक्ष्य सहित आख्या पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।

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