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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

BASIC SHIKSHA, DELED, NIPUN BHARAT : डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से माह दिसम्बर 2024 एवं फरवरी 2025 में आयोजित कराये जाने वाले आकलन हेतु निर्धारित दक्षतायें

BASIC SHIKSHA, DELED, NIPUN BHARAT : डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से माह दिसम्बर 2024 एवं फरवरी 2025 में आयोजित कराये जाने वाले आकलन हेतु निर्धारित दक्षतायें





परिषदीय छात्रों को मार्च 2025 तक निपुण बनाने का लक्ष्य


लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों के 80 फीसदी बच्चों को मार्च 2025 तक निपुण बनाने का लक्ष्य दिया गया है। जिन स्कूलों के इतने छात्र गणित और भाषा में दक्ष होंगे, उन्हें निपुण स्कूल घोषित किया जाएगा। डीएलएड प्रशिक्षु स्कूलों में जाकर प्रक्रिया का आकलन करेंगे। स्कूल महानिदेशक कंचन वर्मा ने ऑनलाइन गोष्ठी में बीएसए, डायट के मेंटर, बीईओ, प्रधानाध्यापकों समेत अन्य को लक्ष्य हासिल करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

स्कूल महानिदेशक ने सभी ब्लॉक के 80 फीसदी स्कूल और हर स्कूल के इतने ही छात्रों को निपुण बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मार्च तक इस लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।


उपस्थिति बढ़ाएं

महानिदेशक ने बच्चों की उपस्थिति 60 फीसदी से 75 से 80 प्रतिशत तक करने का निर्देश दिया है। शिक्षकों को भाषा व गणित में कमजोर छात्रों की पहचान कर उन पर विशेष ध्यान देने को कहा है। एकेडमिक रिसोर्स पर्सन व शिक्षक संकुल को आवंटित विद्यालयों को विशेष रूप से विकसित करना होगा।



डीएलएड प्रशिक्षु दिसम्बर में करेंगे निपुण मूल्यांकन, डायट के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों का मूल्यांकन करने के लिए होगा टीमों का गठन 


लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में अगले महीने से होने वाले निपुण मूल्यांकन की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) के प्रशिक्षुओं की मदद से यह मूल्यांकन कराया जाएगा। सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के माध्यम से विद्यालयों का मूल्यांकन करने के लिए टीमों का गठन किया जाएगा। विद्यार्थियों को भाषा व गणित में दक्ष बनाने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।



ऐसे परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल जहां 80 प्रतिशत तक विद्यार्थी भाषा व गणित में दक्ष होंगे, उन्हें निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा। डीएलएड प्रशिक्षुओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे तय मानक के अनुसार विद्यार्थियों का मूल्यांकन करें। वे जिन स्कूलों में छात्रों को परखेंगे, बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से गठित टीम उनकी जांच करेगी।


अभियान के तहत तीन वर्ष से नौ वर्ष की आयु के विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाएगा। यानी प्री- प्राइमरी से कक्षा तीन तक के विद्यार्थियों को यह डीएलएड प्रशिक्षु परखेंगे। दिसंबर के बाद छात्रों ने क्या सीखा, अगले वर्ष फरवरी में इसे भी परखा जाएगा। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से सभी जिलों को अभी से निपुण मूल्यांकन की तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

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