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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SCHOOL, BASIC SHIKSHA, CIRCULAR, MEETING, BSA, AGENDA : उत्तर प्रदेश में 50 से कम छात्र वाले 27,764 परिषदीय विद्यालयों का दूसरे स्कूलों में होगा विलय

SCHOOL, BASIC SHIKSHA, CIRCULAR, MEETING, BSA, AGENDA : उत्तर प्रदेश में 50 से कम छात्र वाले 27,764 परिषदीय विद्यालयों का दूसरे स्कूलों में होगा विलय


14 नवंबर तक सभी जिले तैयार करेंगे रिपोर्ट, आरटीइ से प्रवेश के लिए जिलों में होगा प्रचार


लखनऊ: प्रदेश के ऐसे 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय जिनमें 50 से कम विद्यार्थी हैं, उनका दूसरे स्कूलों में विलय किया जाएगा। ग्राम पंचायत के दूसरे स्कूल या फिर पास की अन्य ग्राम पंचायत के विद्यालय में इनका विलय होगा। अगले शैक्षिक सत्र वर्ष 2025-26 से इन विद्यालयों को स्थानांतरित किए जाने के लिए अभी से प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिए गए हैं कि वे 13 नवंबर या फिर 14 नवंबर को बैठक कर ऐसे स्कूलों को सूचीबद्ध करें और पास के किस स्कूल में इनका विलय करना ठीक रहेगा, इसके लिए रिपोर्ट तैयार करें। छात्रों को दूसरे स्कूल जाने के लिए कितनी दूरी तय करनी होगी, भवन व शिक्षकों की उपलब्धता और ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था, नहर, नदी, नाला इत्यादि घटकों पर विचार करते हुए प्रस्ताव तैयार करना होगा।


उधर शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत इस बार प्री-प्राइमरी और कक्षा एक में मुफ्त दाखिले के लिए एक दिसंबर से ही प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसे में उसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। बस व स्टेशन के साथ-साथ जिलों में महत्वपूर्ण स्थान पर होर्डिंग और पोस्टर इत्यादि लगवाए जाएंगे। खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और बीएसए कार्यालय में अभिभावकों के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी। स्कूलों में डिजिटल रजिस्टर का शत प्रतिशत प्रयोग किए जाने पर भी पूरा जोर दिया जाएगा।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से 18 से 23 नवंबर तक होने वाले निपुण मूल्यांकन टेस्ट की तैयारी करने के भी निर्देश दिए गए हैं। चार दिसंबर को होने वाले परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के लिए कक्षा तीन और कक्षा छह के विद्यार्थियों की तैयारी करने के लिए प्रत्येक शनिवार को अभ्यास टेस्ट होगा। 


कई जिलों ने राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए इस बार सिर्फ एक या थे। फिर दो शिक्षकों के नाम ही भेजे उनमें से एक भी शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित नहीं हुआ। ऐसे में इस स्थिति पर सख्त नाराजगी जताई गई है और सभी जिलों के बीएसए को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों के नाम राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए भेजने को अभी से तैयारी शुरू करें



SCHOOL, BASIC SHIKSHA : 50 से कम विद्यार्थियों वाले स्कूल हुए चिह्नित, जल्द बंद हो सकते हैं 27 हजार बेसिक स्कूल, DG ने बैठक में दिए मर्जर की तैयारी करने के निर्देश  

लखनऊ : यूपी के 27 हजार से ज्यादा वेसिक स्कूल जल्द ही वंद किए जा सकते हैं। शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। ये वे स्कूल हैं, जिनमें विद्यार्थियों की संख्या 50 से कम है। दूसरे नजदीकी स्कूलों में इनका मर्जर किया जाएगा। डीजी कंचन वर्मा ने हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में इस वावत सभी वीएसए को निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि इस मसले पर 13 या 14 नवंबर को वैठक करेंगी। उसमें सभी वीएसए से पूरी तैयारी से आने को कहा गया है।
चिह्नित किए जा रहे नजदीकी स्कूल महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने जून में यू-डायस पोर्टल से हर जिले के ऐसे स्कूलों का व्योरा इकट्ठा किया था, जिनमें विद्यार्थियों की संख्या 50 से कम है। ऐसे स्कूलों की संख्या 27,931 थी। उसके वाद सभी जिलों के वीएसए को यह व्योरा भेजकर स्थिति पर खेद जताया था। साथ ही स्कूलों से इस पर स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए थे। डीजी के निर्देश पर ही सभी वीएसए ऐसे नजदीकी स्कूल चिह्नित कर रहे हैं, जिनमें 50 से कम वच्चों वाले स्कूल मर्ज किए जा सकते हैं। डीजी ने 23 अक्टूबर को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की थी। मीटिंग मिनट्स में साफ तौर पर स्कूलों के संविलियन को ले कर कार्ययोजना वनाने की वात कही गई है। हालांकि इस संबंध में कंचन वर्मा का कहना है कि 50 से कम बच्चों वाले स्कूल का ब्योरा सिर्फ इसलिए जुटाया जा रहा है ताकि यह देखा जा सके कि कैसे इन स्कूलों की परफार्मेस में सुधार किया जा सकता है।


दूरी को लेकर ये हैं नियम

राइट टु एजुकेशन (RTE) के अनुसार एक किमी की परिधि में एक प्राइमरी स्कूल और तीन किमी की परिधि में एक अपर प्राइमरी स्कूल होना चाहिए। यह नियम इसलिए बनाया गया था ताकि किसी भी बच्चे को स्कूल से दूरी के कारण शिक्षा से वंचित न रहना पड़े। स्कूलों का मर्जर हुआ तो इस नियम का उल्लंघन होना तय है।

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