DELED, SHIKSHAK BHARTI : शिक्षक भर्ती की आस में दर दर भटकते डीएलएड अभ्यर्थी, कब आएगी रिक्ति?
2019 के बाद शिक्षक भर्ती में लगा ग्रहण
68500 एवं 69000 शिक्षक भर्ती के बाद युवाओं में डीएलएड और बीएड कोर्स करने की होड़ मच गई। कई अभ्यर्थियों ने डीएलएड एवं कई ने बीएड कोर्स में दाखिला लिया। 2019 से 2024 तक लाखों अभ्यर्थियों ने डीएलएड कोर्स कर लिया है परंतु भर्ती ना आने के कारण यह डिग्री मात्र एक कागज का टुकड़ा ही रह गई है। डीएलएड अभ्यर्थियों ने कई बार लखनऊ में जाकर शिक्षक भर्ती की मांग की परंतु सरकार के द्वारा कहा गया कि अभी शिक्षक एवं छात्रों का अनुपात समान है इसलिए शिक्षक भर्ती पर अभी कोई विचार नहीं है।
68500 व 69000 शिक्षक भर्ती
माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के कारण योगी सरकार ने दो भागों में 68500 एवं 69000 शिक्षक भर्ती करने का ऐलान किया था। जिसमें शिक्षामित्रो को कुछ वेटेज भी दिया गया था। 68500 शिक्षक भर्ती का पेपर 27 मई 2017 को हुआ था। यह शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा के आधार पर हुई। जिसमें प्रश्नों का उत्तर एक शब्द में लिखना था। अब तक के इतिहास में उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती पहली बार लिखित पेपर के रूप में हुई। पेपर के बाद जिसमें संशोधन कर उत्तर कुंजी को तीन बार जारी किया गया। फिर भी इसमें कई प्रश्नों पर विवाद शुरू हुआ। यह भर्ती पहले हाई कोर्ट की सिंगल बेंच फिर डबल बेंच और फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार पूर्ण हुई। 5 सितंबर 2018 को सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया था। इस भर्ती में सफल अभ्यर्थियों की तीन लिस्ट जारी हुई। पहली लिस्ट में जो अभ्यर्थी शामिल थे उनको दूर दराज जिलों में भेज दिया गया। सेकंड लिस्ट व थर्ड लिस्ट में जो अभ्यर्थी शामिल थे उनको गृह जनपद दे दिया गया। पहली सूची में जो अभ्यर्थी शामिल थे उन्होंने माननीय हाईकोर्ट में अपनी याचिका दाखिल की। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया। 4 साल बाद की लंबे इंतजार के बाद 2022 में प्रथम सूची में शामिल शिक्षकों को गृह जनपद दे दिया गया। 68500 शिक्षक भर्ती में लगभग 44000 अभ्यर्थी ही सफल हुए थे जिसमें कई सीटे खाली रह गई थी। इसके बाद दिसंबर 2018 में ही 69000 शिक्षक भर्ती की घोषणा की थी। दिसंबर में पेपर होने के बाद यह भर्ती कई वजह से 2 साल तक कोर्ट में फंसी रही। 69000 भर्ती पेपर में कई प्रश्नों का विवाद उठा। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक केस चला। माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह भर्ती पूरी हुई।
69000 शिक्षक भर्ती में बीएड शामिल
69000 शिक्षक भर्ती में डीएलएड अभ्यर्थियों के साथ बीएड अभ्यर्थियों को भी मौका मिला। जिससे कि डीएलएड अभ्यर्थियों में रोष की भावना उठने लगी।
डीएलएड बनाम बीएड
69000 शिक्षक भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल किए जाने पर डीएलएड अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में बीएड अभ्यर्थियों के शामिल किए जाने को लेकर याचिका दाखिल की। डीएलएड अभ्यर्थियों का कहना था कि जो डीएलएड कोर्स होता है वह कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए होता है और जो बीएड कोर्स होता है वह जूनियर कक्षाओं के लिए होता है। परंतु 69000 शिक्षक भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने पर डीएलएड अभ्यर्थियों का नुकसान हो रहा है। बीएड अभ्यर्थियों को जूनियर तथा प्राइमरी दोनों में शामिल होने से डीएलएड अभ्यर्थियों का ज्यादा नुकसान है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में सुनवाई करते हुए बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी भर्ती से बाहर कर दिया। तब डीएलएड अभ्यर्थियों ने रात की सांस ली।
वैकेंसी आने की अभी भी उम्मीद
डीएलएड अभ्यर्थियों को वैकेंसी आने की अभी भी उम्मीद है। कुछ अभ्यर्थी बताते हैं कि चुनाव से पहले एक बड़ी शिक्षक भर्ती आ सकती है आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2019 से कोई शिक्षक भर्ती नहीं हुई है जिसके कारण लाखों की संख्या में डीएलएड कर चुके अभ्यर्थी नौकरी की उम्मीद अभी भी बनाए हुए हैं। कई डीएलएड अभ्यर्थियों की तो फॉर्म भरने की उमर निकल गई है।
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