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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

CIRCULAR, DELED, NIPUN BHARAT, MISSION : डी०एल०एड० प्रशिक्षुओं के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं नेशनल कॅरीकुलम पोमवर्क (NCF-FS) के परिप्रेक्ष्य में निपुण भारत मिशन का क्रियान्वयन प्री-प्राइमरी (बालवाटिका) से कक्षा 1 से कक्षा 2 तक के लिये आकलन कराये जाने के संबंध में।

CIRCULAR, DELED, NIPUN BHARAT, MISSION : डी०एल०एड० प्रशिक्षुओं के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं नेशनल कॅरीकुलम पोमवर्क (NCF-FS) के परिप्रेक्ष्य में निपुण भारत मिशन का क्रियान्वयन प्री-प्राइमरी (बालवाटिका) से कक्षा 1 से कक्षा 2 तक के लिये आकलन कराये जाने के संबंध में।

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया गया है। राज्य परियोजना कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, "निपुण भारत मिशन" के तहत विद्यालयों में छात्रों के आकलन की प्रक्रिया अब संशोधित कर दी गई है। 


जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए पत्र (पत्रांक: गुण०वि०/निपुण भारत-5/ 6590/2024-25) में बताया गया है कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन्स और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के संदर्भ में "निपुण भारत मिशन" का विस्तार प्री-प्राइमरी (बालवाटिका) से कक्षा-2 तक किया गया है। इसके साथ ही, इस मिशन के तहत अब डी.एल.एड. प्रशिक्षुओं के माध्यम से विद्यालयों में प्रस्तावित आकलन तीन चरणों के बजाय केवल दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। 


आकलन के दो चरण होंगे
पूर्व में विद्यालयों में छात्रों के आकलन का प्रस्ताव तीन चरणों में – अक्टूबर 2024, दिसंबर 2024 और फरवरी 2025 – में किया गया था। लेकिन अब इसे संशोधित करते हुए केवल दो चरणों – दिसंबर 2024 और फरवरी 2025 – में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। 


राष्ट्रीय शिक्षा नीति और निपुण भारत मिशन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और नेशनल करिकुलम फेमवर्क (NCF-FS) के तहत जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, निपुण भारत मिशन का उद्देश्य छात्रों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता को सुनिश्चित करना है। इसका मुख्य फोकस प्री-प्राइमरी से कक्षा 2 तक के बच्चों को उनके उम्र के अनुसार शिक्षण योग्य बनाना है, ताकि 08 वर्ष की आयु तक प्रत्येक बच्चा आवश्यक ज्ञान और कौशल हासिल कर सके।


संशोधित शासनादेश प्रक्रिया में
मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, इस संबंध में संशोधित शासनादेश जारी करने की प्रक्रिया जारी है। बेसिक शिक्षा विभाग को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे इस सूचना को अपने स्तर से सभी संबंधित अधिकारियों और शिक्षण संस्थानों तक शीघ्र पहुंचाएं।

यह कदम राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और छात्रों के बुनियादी कौशल को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

महोदय/महोदया,

कृपया राज्य परियोजना कार्यालय के पत्रांक-गुण०वि०/ निपुण भारत-3/1062/2024-25 दिनांक 06 मई, 2024 तथा पत्रांक-2369/2024-25 दिनांक 19 जून, 2024 (प्रति संलग्न) का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें। उक्त पत्रों द्वारा वर्तमान शैक्षिक सत्र में विद्यालयों का माह अक्टूबर, 2024, दिसम्बर, 2024 एवं फरवरी, 2025 में आकलन कराये जाने के लिये निर्देश प्रेषित किये गये हैं।

अवगत कराना है कि शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'निपुण भारत मिशन" हेतु निर्गत गाइडलाइन्स, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं नेशनल कॅरीकुलम पोमवर्क (NCF-FS) के परिप्रेक्ष्य में निपुण भारत मिशन का क्रियान्वयन प्री-प्राइमरी (बालवाटिका) से कक्षा-2 (अर्थात् 08 वर्ष की आयु) तक के लिये किये जाने का निर्णय लिया गया है। तद्‌नुसार शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निपुण भारत मिशन हेतु संशोधित लक्ष्य जारी किये गये हैं, जिसके कम में संशोधित शासनादेश जारी

कराये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः उक्त के दृष्टिगत वर्तमान शैक्षिक सत्र में डी०एल०एड० प्रशिशुओं के माध्यम से प्रस्तावित आकलन पूर्व निर्धारित 03 चरणों के स्थान पर अब केवल 02 चरणों में अर्थात् माह दिसम्बर, 2024 एवं फरवरी, 2025 में किया जाना है।

आपको निर्देशित किया जाता है कि उक्त के संबंध में सर्वसंबंधित को अपने स्तर से अवगत कराने का कष्ट करें। 

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