MAN KI BAAT : प्राथमिक स्तर से बच्चों की नींव मजबूत करेगी नई शिक्षा नीति : अनुराग बेहर
अमर उजाला से विशेष बातचीत
झुंसी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बनाने वाली टीम का हिस्सा रहे शिक्षाविद अनुराग बेहर का कहना है कि नई शिक्षा नीति से बुनियादी (प्राथमिक) शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक परिवर्तन होगा और शुरुआत से ही बच्चों की नींव मजबूत हो सकेगी। झुंसी स्थित गोविंद वल्लभ पंत संस्थान के स्थापना समारोह में आए अनुराग बेहर ने अमर उजाला से विशेष बातचीत में कहा कि नई शिक्षा नीति से शिक्षक भर्ती में धांधली भी रुकेगी। यह इस तरह कि शिक्षक बनने के लिए बीएड करने वालों को नई पढ़ाई अधिक परिपक्व बनाएगी। स्कूलों और शिक्षक शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम की रूपरेखा विकसित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 2021 में गठित समूह के सदस्य अनुराग बेहर सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के मुखर समर्थक रहे हैं। वह कहते हैं, 1986 के बाद से 2020 में व्यापक शिक्षा नीति आई है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण से जुड़े रहे अनुराग बेहर बोले भर्तियों में धांधली भी रुकेगी लाइट व टाइट हो स्वतंत्रता
■ बकौल बेहर, आंगनबाड़ी केंद्रों पर और खर्च बढ़ाना चाहिए। बच्चों को क्या और कैसे पढ़ाया जाए, इसका आधार उसके विकास से जुड़ा होना चाहिए। नई शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर पर बुनियादी बदलाव किए गए हैं। उच्च शिक्षा में पूरी स्वतंत्रता दी गई है। यह स्वतंत्रता लाइट और टाइट रखनी होगी। ध्यान रखना होगा कि शिक्षा का व्यवसायीकरण भी न हो। नई नीति में शोध पर भी विशेष जोर है।
नीति बहुत पहले आ जानी चाहिए थी, क्योंकि बीते 35 सालों में देश- दुनिया में बहुत परिवर्तन हुए हैं। यहां तक कि बच्चों के मानसिक विकास का तरीका तक बदल चुका है। बेहर कहते हैं, पुरानी शिक्षा नीति को पूरी तरह बदलकर नई नीति नहीं बनी। नई नीति में तीन से छह वर्ष के बच्चों पर बेहद फोकस रखा गया है। इसी उम्र में ही बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होते हैं। लिहाजा, आज आलीशान स्कूली भवनों से कहीं ज्यादा जरूरत प्राथमिक स्तर पर ही अच्छे शिक्षकों की है।
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