BASIC SHIKSHA, CIRCULAR, NGO, NIPUN BHARAT, SUPERVISION : सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन ( CSF) द्वारा निपुण लक्ष्य प्राप्ति हेतु उक्त CSF संस्था द्वारा सहयोग प्रदान करने के साथ, गैर सरकारी संस्था लेगी सरकारी गुरुजी के निपुण बनने की परीक्षा, विरोध करेंगे शिक्षक संघ
■ शिक्षण सामग्री का उपयोग हो रहा या नहीं इस पर भी रखी जाएगी नजर
■ शिक्षकों के संगठन इस व्यवस्था से खासे नाराज जताया विरोध
लखनऊ । प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को निपुण बनाने के अभियान को अब गैर सरकारी संस्था भी परखेगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने सेंट्रल स्क्वेयर फाऊंडेशन नामक एक गैर सरकारी संस्था को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी है।
साथ ही विभाग ने बेसिक शिक्षा परिषद और फाउंडेशन को साथ मिलकर काम करने के भी निर्देश दिए हैं। विभाग का मानना है कि इससे शिक्षकों पर दबाव बढ़ेगा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। दूसरी तरफ फाउंडेशन इस बात की जांच करेगा कि स्कूलों में निपुण भारत मिशन की ओर से जारी दिशा निर्देश का पालन हो रहा है या नहीं। निपुण बनाने के प्रयास से बच्चों के गणित और भाषा की ज्ञान में वृद्धि हुई है या नहीं।
यह भी देखा जाएगा कि शिक्षक मिशन के लिए भेजी गई शिक्षण सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं या नहीं। निपुण स्कूल के शिक्षक शिक्षण सामग्री का सही प्रयोग नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें इसके उपयोग का सही तरीका भी यह संस्था बताएगी। संस्था नवम्बर में अपनी रिपोर्ट समग्र शिक्षा परियोजना के निदेशक को देगी।
इस बीच विभाग की ओर से गैर सरकारी संस्था के माध्यम से निपुण स्कूलों की जांच कराने की जानकारी के बाद शिक्षक संगठनों में उबाल आ गया है। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ एवं उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ ने गैर सरकारी संस्था से निपुण की जांच कराने की व्यवस्था को परिषदीय विद्यालयों में सीधा-सीधा एनजीओ का हस्तक्षेप माना है और इसके लिए कड़ा विरोध जताया है।
दोनों संगठनों ने कहा है कि इस प्रकार की अनधिकृत व्यवस्था कर विभाग प्रदेश के लाखों शिक्षकों तथा ब्लाकों से लेकर जिले स्तर तक के विभागीय अधिकारियों की निष्ठा पर सन्देह किया जा रहा है। साथ ही यह अपमानित करने वाला निर्णय भी है।
शिक्षक संघों ने बताया अव्यवहारिक आदेश
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ एवं उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक से अनुरोध किया है कि वे शिक्षकों की निष्ठा पर सन्देह करने वाले, शिक्षकों एवं विभागीय अधिकारियों को अपमानित करने वाले निपुण मूल्यांकन आदेश को निरस्त करें अन्यथा ऐसे अव्यवहारिक आदेशों के विरुद्ध प्रदेश भर के बेसिक शिक्षक प्रदेशव्यापी विरोध और आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे।
बेसिक स्कूलों में कितने निपुण हुए छात्र, होगी थर्ड पार्टी जांच
लखनऊ : बेसिक स्कूलों के छात्र कितने निपुण हुए, इसकी अब थर्ड पार्टी जांच करवाई जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन से एमओयू किया है। यह संस्था स्कूलों में चल रहे निपुण भारत मिशन की हकीकत जांचेगी। बच्चों को पढ़ाने के तौर-तरीके सिखाने में शिक्षकों का सहयोग भी संस्था करेगी। प्री प्राइमरी से कक्षा दो तक छात्रों को निपुण बनाने की जांच के संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने सभी बीएसए को निर्देश जारी कर दिए हैं। जिन स्कूलों के 80% बच्चे दक्ष होंगे, उनको निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा। अच्छा काम करने वाले स्कूलों को पुरस्कृत किया जाएगा और 25 हजार रुपये दिए जाएंगे।
विद्यार्थियों को गिनती व अक्षर का कितना है ज्ञान? अब यूपी के स्कूलों में होगी थर्ड पार्टी जांच
लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्री-प्राइमरी से कक्षा दो तक के विद्यार्थियों को निपुण बनाने के लिए अब थर्ड पार्टी जांच कराई जाएगी। निपुण भारत मिशन के तहत छात्रों को भाषा व गणित में दक्ष बनाया जाना है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन (सीएसएफ) संस्था के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है। यह स्कूलों में चल रहे अभियान की हकीकत की जांच करेगी। यह स्कूलों में चल रहे अभियान की हकीकत की जांच करेगी और जो भी जरूरी सहयोग होगा इसके विशेषज्ञ शिक्षकों को देंगे।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि सीएसएफ संस्था के साथ समन्वय कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (जांच) कराएं। अभी पहले चरण में सीतापुर, गोरखपुर व अलीगढ़ के सभी विकासखंडों के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों का मूल्यांकन यह संस्था करेगी।
विद्यार्थियों को गिनती व अक्षर ज्ञान है या नहीं और विद्यालय में निपुण भारत मिशन ढंग से चलाया जा रहा है या नहीं, इसकी विस्तृत रिपोर्ट राज्य परियोजना कार्यालय को संस्था देगी। संस्था के प्रतिनिधि यह देखेंगे कि इस मिशन के लिए भेजी गई शिक्षण सामग्री का शिक्षक प्रयोग कर रहे हैं या नहीं। अगर वे ढंग से इसका प्रयोग नहीं कर रहे हैं तो शिक्षकों को यह समझाएंगे कि किस तरह इसका उपयोग किया जाना है।
निपुण भारत मिशन के तहत ऐसे विद्यालय जिनमें न्यूनतम 80 प्रतिशत छात्र गणित व भाषा में दक्ष होंगे, उन्हें निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा। अच्छा कार्य करने वाले विद्यालयों को पुरस्कृत किया जाएगा। विद्यालय को 25 हजार रुपए का पुरस्कार मिलेगा।
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