GRANT, BUDGET : बेसिक शिक्षा में सुधार को यूपी के लिए केंद्र ने किए 8609 करोड़ रुपये मंजूर, देखें किस मद में कितनी धनराशि मंजूर
लखनऊ: केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में समग्र शिक्षा के तहत उप्र में बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए 8609.62 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को मंजूरी दी है। कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में पढ़ाई को डिजिटल लर्निंग की ओर ले जाने पर जोर दिया गया है। स्वीकृत कार्ययोजना में परिषदीय स्कूलों में बायोमीटिक उपस्थिति दर्ज कराने और बच्चों की डिजिटल लर्निंग के लिए सभी विद्यालयों को टैबलेट देने के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है। सभी एकेडमिक रिसोर्स पर्सन को भी टैबलेट दिए जाएंगे।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने बुधवार को बताया कि प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भवन निर्माण और विस्तार के अलावा फर्नीचर के लिए 488.61 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गए हैं। वित्तीय वर्ष में सभी उच्च प्राथमिक स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध हो जाएंगे। पेयजल, बिजली की सुविधा के अलावा स्कूलों में 1688 अतिरिक्त क्लासरूम, करीब 1200 जर्जर स्कूल भवनों के पुनर्निर्माण, छात्रओं की अधिक संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों में इंसिनरेटर की व्यवस्था होगी। पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए परिषदीय विद्यालयों में आंगनबाड़ी केंद्र तैयार करने और इसके लिए कार्यकर्ताओं को खेल आधारित शैक्षिक गतिविधियों का प्रशिक्षण देने के लिए भी प्रस्ताव मंजूर किये गए हैं।
अंकज्ञान को सहज बनाने के लिए धनराशि मंजूर की गई है। कक्षाओं में पोस्टर, संवाद चार्ट, गणित किट, ¨पट्रेड शैक्षिक सामग्री व मॉडल, नई शिक्षक डायरी व रजिस्टर नजर आएंगे तो पुस्तकालय और री¨डग कार्नर समृद्ध दिखेंगे। दीक्षा कंटेंट सेल पाठ्य सामग्री से जुड़े वीडियो व डिजिटल कंटेंट बनाएगी। खंड शिक्षा अधिकारियों के दफ्तरों में एमआइएस कोआर्डिनेटर और ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर रखने, परिषदीय स्कूलों के सभी बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए धनराशि स्वीकृत हुई है। इस सत्र में सभी बच्चों का आधार डेटा तैयार हो जाएगा।
■ समग्र शिक्षा के तहत केंद्र सरकार ने कार्ययोजना को दी स्वीकृति
■ बायोमीटिक हाजिरी और डिजिटल लर्निग के लिए मिलेंगे टैबलेट
★ किस मद में कितनी धनराशि मंजूर
● उपकरणों, शैक्षिक सामग्री, स्वच्छता के लिए 574 करोड़
● यूनिफॉर्म के लिए 927 करोड़, किताबों के लिए 532.57 करोड़
● स्कूलों में गुणवत्ता सुधार के लिए 331.99 करोड़
● कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए 145 करोड़ रुपये
● आउट ऑफ स्कूल बच्चों के दाखिले के लिए 48 करोड़
● दिव्यांग बच्चों के लिए 57 करोड़, पुस्तकालय के लिए 10.24 करोड़
● शिक्षकों को उपचारात्मक शिक्षा में प्रशिक्षण के लिए 19 करोड़
● छात्रओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए 25.95 करोड़
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