SHIKSHAK BHARTI, HIGHCOURT : 69000 bharti 2020 पुनरावृत्ति-फिर काउंसिलिंग के पहले दिन लग गई रोक
Published By: Anuradha Pandey | वरिष्ठ संवाददाता,प्रयागराज
69000 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए काउंसिलिंग के पहले दिन हाईकोर्ट से लगी रोक ने सात साल पुरानी घटना फिर दोहरा दी। ठीक इसी प्रकार 4 फरवरी 2013 को एकेडमिक रिकॉर्ड के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग शुरू होने के पहले दिन हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। वही रोक 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई और बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की गई।
उत्तर प्रदेश में जुलाई 2011 में आरटीई लागू होने के बाद 30 नवंबर 2011 को मायावती सरकार में टीईटी मेरिट के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती शुरू हुई थी। बाद में टीईटी में धांधली के आरोप लगे और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को फरवरी 2012 में जेल तक जाना पड़ा। इस बीच यूपी में सरकार बदल गई और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर प्रकरण की जांच करवाई। कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार ने टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति का निर्णय लिया और दिसंबर 2012 में एकेडमिक रिकॉर्ड के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती नये सिरे से शुरू की गई। ऑनलाइन आवेदन लेने के बाद 4 फरवरी 2013 से सभी जिलों में काउंसिलिंग शुरू हुई और उसी दिन नवीन कुमार श्रीवास्तव और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने एकेडमिक मेरिट पर हो रही भर्ती रोक दी थी। इसके बाद लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती पूरी हुई।
फरवरी 2013 में एकेडमिक रिकॉर्ड से 72825 भर्ती शुरू होने के पहले दिन हुआ था स्टे
बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट पर हुई थी प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती
एकेडमिक मेरिट के आधार पर आवेदन करने वालों को अब तक वापस नहीं हुई फीस
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