SHIKSHAK BHARTI : 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में ज्यादा अंक पाने वाले अभ्यर्थी भी एसटीएफ के रडार पर
Published By: Newswrap | हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ
डॉ. केएल पटेल के नजदीकी लोगों के बारे में जुटाई जा रही जानकारी प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालयप्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बेसिक शिक्षा में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले की जांच शुरू करते हुए सभी संदिग्ध अभ्यर्थियों को अपने रडार पर ले लिया है। इसके अलावा इस मामले में पहले से गिरफ्तार लोगों के फोन रिकार्ड भी निकलवाए जा रहे हैं। इस मामले में एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट जांच की अगुवाई कर रही है। उसके इनपुट पर अन्य इकाइयों को भी टास्क सौंपा जा रहा है। एसटीएफ ने 150 अंकों की इस परीक्षा में 140 से ज्यादा अंक पाने वाले सभी अभ्यर्थियों के बारे में ब्योरा जुटाना शुरू किया है। इनके परीक्षा केंद्रों के बारे में शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी गई है। एसटीएफ शिक्षा विभाग के उन अधिकारियों के बारे में भी सूचनाएं प्राप्त कर रही है जो परीक्षा के दौरान जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात थे और जिनके ऊपर परीक्षा केंद्रों पर निगरानी की जिम्मेदारी थी। प्रयागराज जिले के एक केंद्र पर परीक्षा में शामिल होकर 140 से ज्यादा अंक हासिल करने वाले दो अभ्यर्थी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार इस मामले में गिरफ्तार डॉ. केएल पटेल की भूमिका को खासा अहम माना जा रहा है। वह झांसी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मेडिकल आफिसर के पद पर तैनात रहा है। डॉ. पटेल का नाम मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में भी सामने आया था। वह पैसे लेकर भर्तियां कराने का गिरोह संचालित करता रहा है। ऐसी आशंका है कि इस गिरोह ने परीक्षा पास कराने के लिए अभ्यर्थियों से पैसे वसूले हैं। गिरफ्तार दोनों अभ्यर्थियों और ज्यादा अंक पाने वाले अन्य अभ्यर्थियों से इस बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। एसटीएफ को डॉ. पटेल के नेटवर्क से मामले की पूरी सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश स्वयं इस मामले की निगरानी कर रहे हैं।
परीक्षा में ज्यादा अंक पाने वाले अभ्यर्थी भी एसटीएफ के रडार पर
डॉ. केएल पटेल के नजदीकी लोगों के बारे में जुटाई जा रही जानकारी
प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बेसिक शिक्षा में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले की जांच शुरू करते हुए सभी संदिग्ध अभ्यर्थियों को अपने रडार पर ले लिया है। इसके अलावा इस मामले में पहले से गिरफ्तार लोगों के फोन रिकार्ड भी निकलवाए जा रहे हैं। इस मामले में एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट जांच की अगुवाई कर रही है। उसके इनपुट पर अन्य इकाइयों को भी टास्क सौंपा जा रहा है। एसटीएफ ने 150 अंकों की इस परीक्षा में 140 से ज्यादा अंक पाने वाले सभी अभ्यर्थियों के बारे में ब्योरा जुटाना शुरू किया है। इनके परीक्षा केंद्रों के बारे में शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी गई है। एसटीएफ शिक्षा विभाग के उन अधिकारियों के बारे में भी सूचनाएं प्राप्त कर रही है जो परीक्षा के दौरान जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात थे और जिनके ऊपर परीक्षा केंद्रों पर निगरानी की जिम्मेदारी थी।प्रयागराज जिले के एक केंद्र पर परीक्षा में शामिल होकर 140 से ज्यादा अंक हासिल करने वाले दो अभ्यर्थी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार इस मामले में गिरफ्तार डॉ. केएल पटेल की भूमिका को खासा अहम माना जा रहा है। वह झांसी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मेडिकल आफिसर के पद पर तैनात रहा है। डॉ. पटेल का नाम मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में भी सामने आया था। वह पैसे लेकर भर्तियां कराने का गिरोह संचालित करता रहा है। ऐसी आशंका है कि इस गिरोह ने परीक्षा पास कराने के लिए अभ्यर्थियों से पैसे वसूले हैं। गिरफ्तार दोनों अभ्यर्थियों और ज्यादा अंक पाने वाले अन्य अभ्यर्थियों से इस बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। एसटीएफ को डॉ. पटेल के नेटवर्क से मामले की पूरी सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश स्वयं इस मामले की निगरानी कर रहे हैं।
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