TRAINEE TEACHERS : 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में सवा साल में आवेदकों को नहीं मिल सकी चवन्नी
■ 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की फीस 23 जनवरी 2019 तक वापस होनी थी
■ जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के सूचना नहीं भेजने के कारण फंसी फीस वापसी
■ दिसंबर 2012 में एकेडमिक मेरिट से शुरू हुई भर्ती के लिए किया था आवेदन
■ आवेदन के रूप में मिले 289 करोड़ रुपये सरकार के खाते में सात साल से पड़े हैं
■ कई अभ्यर्थियों ने 37 हजार रुपये तक आवेदन फीस के रूप में खर्च किए थे
दिसंबर 2012 शुरू हुई 72825 प्रशिक्षु शिक्षक चयन की फीस तकरीबन सवा साल बाद भी अभ्यर्थियों को वापस नहीं हो सकी है। फीस के रूप में सरकार को 2899854400 रुपये मिले थे। कई अभ्यर्थियों ने अधिकतम 37.5 हजार रुपये फीस के रूप में जमा किए थे।
लेकिन इसमें से एक चवन्नी अभ्यर्थियों के खाते में भेजे नहीं जा सके हैं। बेसिक शिक्षा परिषद ने 23 जनवरी 2019 तक अभ्यर्थियों को फीस वापस करने की बात कही थी लेकिन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) की लापरवाही के कारण भुगतान की कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी है।
जानकारी के मुताबिक अब तक सिर्फ तीनों डायट रायबरेली, गोरखपुर और बाराबंकी ने लिए अभ्यर्थियों से 3 से 30 नवंबर ही बेसिक शिक्षा परिषद को मांग पत्र भेजा है। लेकिन संख्या कम होने के कारण बजट जारी नहीं हो रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट के आधार पर नवंबर 2011 में लिए गए आवेदन के आधार भर्ती पूरी हुई। दिसंबर 2012 में एकेडमिक रिकॉर्ड के आधार पर शुरू हुई भर्ती निरस्त होने के कारण फीस वापसी के 2018 तक संबंधित डायट में आवेदन पत्र रजिस्टर्ड/स्पीड पोस्ट या माध्यम से साक्ष्यों के साथ उपलब्ध कराने को कहा गया था।
डायट प्राचार्यों को 1 से 15 दिसंबर 2018 तक साक्ष्य का मिलान कर 16 से 22 दिसंबर तक वैध आवेदनों की सूची तैयार करनी थी। उसके बाद फीस वापसी के लिए आवश्यक धनराशि का ब्योरा बेसिक शिक्षा परिषद को भेजना था। परिषद की ओर से सात जनवरी तक वाहक के डायट प्राचार्यों के खाते में आरटीजीएस के जरिए मांगी गई धनराशि उपलब्ध करानी थी। डायट प्राचार्यों को आठ से 23 जनवरी तक अभ्यर्थियों के खाते में फीस ट्रांसफर करनी थी। लेकिन डायटों से सूचनाएं ही उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है।
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