SHIKSHAK BHARTI : 69000 शिक्षक भर्ती में हाईकोर्ट के अहम आदेश से खत्म होगी ओवरलैपिंग
मेरिट से नहीं, आरक्षित वर्ग का मानकर तय हो वरीयता, अभ्यथी ने जिस वर्ग के लिए किया आवेदन उसी में हो सकेगा चयन
हाल ही में हाईकोर्ट के अहम आदेश ने बेसिक शिक्षा महकमे में खलबली मचा दी है। 69000 शिक्षक चयन में यह आदेश लागू हो जाए तो ओवरलैपिंग खत्म हो जाएगी।
असल में, कोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापकों के जिला आवंटन मामले में आदेश दिया है कि मेरिटोरियस आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनके वर्ग का मानकर जिला आवंटन किया जाए। कोर्ट इस मामले में पुनर्विचार याचिकाओं को भी खारिज कर चुकी है।
इसे ऐसे समझिए प्राथमिक स्कूल के लिए 68500 शिक्षक भर्ती हुई। असम सामान्य वर्ग की कुल सीटों पर ओबीसी, एससी व एसटी आदि अभ्यर्थी चयनित हुए, क्योंकि उनके गुणांक सामान्य अभ्यर्थी से अधिक या फिर बराबर थे। परिषद ने सामान्य की सीटों पर चयनित अभ्यर्थियों को सामान्य मानते हुए जिला आवंटित किया।
इससे उन्हें मनचाहे जिले के बजाए दूर के जिलों में नियुक्ति मिल सकी। इस भर्ती की शुरुआत में शिक्षकों के चयन के लिए दो सूची जारी हुई थी। दूसरी सूची में कम गुणांक वाले अभ्यर्थियों को आसानी से गृह जिला मिल गया। जिला आवंटन को हाईकोर्ट में शिखा सिंह व 4 अन्य ने चुनौती दी।
इसमें मांग थी कि मेरिट से जिला आवंटन किया जाए। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने 29 अगस्त 2019 को आदेश दिया कि मेरिट से नहीं, बल्कि मेरिटोरियस अभ्यर्थियों को आरक्षित वर्ग का मानते हुए उनके वर्ग के अनुसार जिला आवंटित हो।
इस आदेश के मायने
* अभ्यर्वी ने जिस वर्ग के लिए आवेदन किया है उसे उसी वर्ग में रखा जाए भले ही उसके अंक कितने ही क्यों न हो।
* आरक्षित वर्ग का मेवाती यदि अपने वर्ग में चयनित होगा तो उसे आसानी से अपना जिला मिल सकता है।
* सामान्य वर्ग की सीटों पर अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों को ओवरलैप कराने की व्यवस्था खत्म होगी।
भर्ती में यह पड़ सकता असर
* सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 36 लिखित परीक्षा उत्तीर्ण है, ऐसे में अधिकांश चयनित होंगे। ओबीसी के 84868 और 24308 परीक्षा उत्तीर्ण हैं अधिक नहीं हो सकेगा चयन।
*उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पिछले वर्ष से ही ओवरलैपिंग को पूरी तरह से भर्तियों से खत्म कर दिया है।
कोर्ट के आदेश का इस भर्ती इस भर्ती में अनुपालन कराने का प्रयास होगा। पहले अभ्यर्थी को सामान्य मानकर मागे गए जिले का विकल्प देखेंगे, यदि मिल जाता है तो वह सामान्य में रहेगा। यदि अपने वर्ग में मिलता है तो उसे संबंधित वर्ग देकर जिला आवंटन करेंगे।- अनिल कुमार, उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद
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