SHIKSHAK BHARTI : 69000 में बढ़ी स्पर्धा, पुराने पदों को नई भर्ती में शामिल करने की मांग, न्यूनतम अर्हता अंक प्राप्त करने के बाद भी शिक्षक भर्ती की दौड़ से बाहर हजारों अभ्यर्थी
प्रयागराज। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल शामिल अभ्यर्थियों की उम्मीद थी कि अगर न्यूनतम अर्हता अंक 68500 शिक्षक भर्ती में सामान्य के भी मिल गया तो चयन पक्का है लेकिन, लिए न्यूनतम अर्हता अंक 45 फीसदी रिजल्ट जारी होने के बाद तस्वीर और ओबीसी एवं एससी श्रेणी के बिल्कुल उलट है।
सीटों की दोगुनी अभ्यर्थियों के लिए 40 फीसदी था। संख्या से अधिक अभ्यर्थियों ने न्यूनतम अर्हता अंक प्राप्त किए हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थियों की है, जो पिछली बार हुई 68500 शिक्षक भर्ती में चयनित हुए थे और मनचाहे जिले में तैनाती के लिए इस बार भी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए।
इन परिस्थितियों में स्पर्धा काफी बढ़ गई और अब मांग उठ रही है कि पिछली बार हुई 68500 शिक्षक भर्ती के रिक्त पदों को 69 हजार शिक्षक भर्ती में शामिल कर लिया जाए, ताकि न्यूनतम अंक इसके बावजूद केवल 48500 सीटों पर चयन हुआ था और तकरीबन 22 हजार सीटें खाली रह गई थीं।
अभ्यर्थियों को उम्मीद थी कि इस बार न्यूनतम अर्हता अंक अधिक है, सो न्यूनतम अर्हता अंक तक पहुंच गए तो चयन पक्का हो जाएगा लेकिन रिजल्ट ने सभी को झटका दे दिया तकरीबन एक लाख 46 हजार अभ्यर्थियों को न्यूनतम अर्हता अंक या उससे अधिक अंक मिले। चयन के लिए अब ये सभी अभ्यर्थी पात्र हो गए हैं और इनके बीच स्पर्धा बढ़ गई है। इनमें वे पाने वाले अधिक से अधिक योग्य अभ्यर्थी भी शामिल हैं जो 68500 अभ्यर्थियों का चयन हो सके। शिक्षक भर्ती में शामिल हुए
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