ALLAHABAD HIGHCOURT, SHIKSHAK BHARTI : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अध्यापक भर्ती में गलत उत्तरों पर किया जवाब तलब, सुनवाई की अगली तारीख 6 जुलाई की गई तय
हाई कोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में पूछे गए सवालों के गलत उत्तर को लेकर याचिकाओं पर सरकार से मांगा है जवाब
न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने रोहित शुक्ल व दर्जनों अन्य याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया आदेश
प्रयागराज, जेएनएन।इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में पूछे गए सवालों के गलत उत्तर को लेकर दाखिल याचिकाओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।याचिका सुनवाई के लिए छह जुलाई को पेश करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने फिलहाल कोई अंतरिम राहत नहीं दी है।यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने रोहित शुक्ल व दर्जनों अन्य याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट 29 मई को पेश करने का निर्देश दिया था। रिपोर्ट देखने और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि अब राज्य सरकार का जवाब आना जरूरी है। इस पर राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने व याचीगण को प्रत्युत्तर दाखिल करने का दो सप्ताह का समय दिया है।हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी, आरके ओझा, प्रीतपाल सिंह, संतोष कुमार त्रिपाठी, विभु राय आरएन यादव, अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी आदि ने बहस की। हाई कोर्ट ने यह कहते हुए कि पुनर्मूल्यांकन व स्क्रूटनी के लिए कोर्ट विशेषज्ञ नहीं है। विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गयी है।याचियों का कहना है कि सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में पूछे गए कई सवालों के उत्तर विकल्प गलत हैं तो कुछ के दो उत्तर विकल्प हैं, जिससे परिणाम सवालों के घेरे में है। राज्य सरकार का कहना है कि सवालों व उत्तरों को जारी कर आपत्ति मांगी थी। विशेषज्ञ कमेटी ने जांच कर रिपोर्ट दी है। याची भी परीक्षा में बैठे हैं। चयन प्रक्रिया में कोई अवैधानिकता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संशोधित उत्तरकुंजी जारी कर परिणाम घोषित किया गया है। कोर्ट ने कहा कि प्रकरण तय करने से पहले राज्य सरकार का जवाब आना जरूरी है। याचिका की सुनवाई छह जुलाई को होगी।
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