EXAMINATION, UPTET : समय पर होगी यूपी टीईटी नहीं बढ़ाई जाएगी मियाद, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के आदेश का इस वर्ष नहीं होगा असर
असल में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई की ओर से कुछ दिन पहले हुए संशोधन को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई है, जिसमें कहा गया है कि पहले बीएड अभ्यर्थी के लिए स्नातक में 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य थे, अब स्नातक व स्नातकोत्तर में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होना चाहिए। यह नियम 29 जुलाई 2011 के बाद से मान्य होगा। यह बदलाव हाईकोर्ट के आदेश पर हुआ है। इससे यह संदेश गया कि अब स्नातक में 50 प्रतिशत अंक जरूरी नहीं हैं। सोशल मीडिया पर फिर से आवेदन लेने की चर्चा तेज है। यूपी टीईटी कराने वाली संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने विराम लगा दिया है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि उन्हें अभी तक इस तरह का आदेश नहीं मिला है। ऐसा आदेश यूपी टीईटी का विज्ञापन जारी होने के बाद आया है इस पर अमल इस वर्ष होना संभव नहीं है। एनसीटीई के इस आदेश पर केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा सीटेट पर भी असर नहीं होगा, क्योंकि वह परीक्षा आठ दिसंबर को प्रस्तावित है। सीटेट वर्ष में दो बार परीक्षा कराता है इसलिए अगली छमाही में इस पर अमल हो सकता है। इतना ही नहीं इस आदेश से प्रतियोगी भी खफा है, क्योंकि डीएलएड व बीटीसी के अभ्यर्थी पहले से खफा हैं, वे बीएड अभ्यर्थियों को सशर्त अनुमति देने का विरोध कर रहे थे।
’>>राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के आदेश का इस वर्ष नहीं होगा असर
’>>डीएलएड व बीटीसी अभ्यर्थी पहले से विरोध में, अब और बढ़ेगी तल्खी
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