UPTET : पर्यवेक्षक भी नहीं ले जा सकेंगे केंद्र पर मोबाइल, आवेदन शुल्क में भी हो रही बढ़ोत्तरी
धर्मेश अवस्थी’ प्रयागराज
पढ़ाई व परीक्षा में खलल मोबाइल से पड़ रही है। आमतौर पर हर परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगते रहे हैं, वजह इम्तिहान के दौरान या बाद में प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल होता है। इस पर सख्ती से अंकुश लगाने की तैयारी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2019 से चल रही है। इम्तिहान के दौरान पर्यवेक्षकों को भी स्मार्ट फोन परीक्षा केंद्र पर ले जाने की अनुमति नहीं होगी, वह ऐसा सामान्य मोबाइल ले जा सकेंगे, जिसमें कैमरे आदि की सुविधाएं न हों।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र पर यूपी टीईटी कराने का जिम्मा है। यह परीक्षा 22 दिसंबर को होना प्रस्तावित है, इसका शासनादेश तैयार हो रहा है, जो जल्द जारी हो सकता है। परीक्षा संस्था ने इम्तिहान की शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मोबाइल पर ध्यान केंद्रित किया है। केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक, परीक्षार्थी व अन्य स्टॉफ मोबाइल लेकर परीक्षा केंद्र पर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। नकल रोकने के लिए जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पर्यवेक्षण का जिम्मा मिलेगा। उनको भी परीक्षा केंद्र पर स्मार्ट फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी, ताकि पेपर लीक पर अंकुश लगा सके। परीक्षा संस्था ने 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में केंद्र के मुख्य गेट की वीडियोग्राफी कराया था। डीएलएड व बीटीसी की सेमेस्टर परीक्षाएं राजकीय व अशासकीय सहायताप्राप्त कालेजों में करा रहा है।
श्रुति लेखक के लिए एक दिन पहले देनी होगी सूचना
यूपी टीईटी में यह भी प्रावधान हो रहा है कि किसी दिव्यांग परीक्षार्थी को श्रुति लेखक यानी सहयोगी की जरूरत है तो उसे संबंधित केंद्र पर परीक्षा के एक दिन पहले उसकी सूचना देनी होगी। उसकी शैक्षिक योग्यता व पहचान का प्रमाणपत्र केंद्र पर मुहैया कराना होगा। ऐसे ही उसी दिव्यांग को परीक्षा में अतिरिक्त समय तीस मिनट दिया जाएगा, जो तय दिव्यांगता का प्रमाणपत्र मुहैया कराएगा।
केंद्र व्यवस्थापक व कक्ष निरीक्षक भी नहीं रख सकेंगे स्मार्ट फोन
आवेदन शुल्क 100 रुपये बढ़ा
यूपी टीईटी में इस बार आवेदन शुल्क में 100 रुपये की बढ़ोतरी हो रही है। इसके लिए नोटीफिकेशन जारी होने का इंतजार किया जा रहा है।
पर्यवेक्षकों को भी स्मार्ट फोन न ले जाने का निर्देश जारी किया जाएगा, ताकि पेपर लीक की घटना रुक सके।
अनिल भूषण चतुर्वेदी, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र
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