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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

ANGANBADI, MANDEYA, CM : मुख्यमंत्री ने 750 रुपये बढ़ाया आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय

ANGANBADI, MANDEYA, CM : मुख्यमंत्री ने 750 रुपये बढ़ाया आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य सेवाओं में आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग की सराहना करते हुए उनका मानदेय 750 रुपये बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह रकम परफॉर्मेस बेस्ड होगी। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई सेवाओं का लोकार्पण करते हुए अधिक से अधिक लोगों तक बेहतर ढंग से सुविधाएं पहुंचाए जाने और मरीजों से शालीन व्यवहार करने की उम्मीद डॉक्टरों से जताई है।

शुक्रवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री ने लोकभवन में 750 नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (आरोग्य केंद्र) व सौ बिस्तरों के 17 एमसीएच विंग के साथ ही 28 जिलों में टेली-मेडिसिन और 361 सीएचसी में टेली-रेडियोलॉजी सेवा का लोकार्पण किया। उन्होंने 108 सेवा की 712 एंबुलेंस बढ़ाते हुए आरोग्य केंद्रों में कार्यरत एएनएम को टैबलेट वितरित किया, जबकि आयुष्मान योजना से बाहर रह गए गरीब परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत गोल्डेन कार्ड सौंपे। इन योजनाओं व सुविधाओं के लिए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को साधुवाद और प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि 56 महीने में केंद्र सरकार ने और 23 महीने में राज्य सरकार ने लक्ष्य हासिल करने में सफलता पाई है, जिसमें अधिकारियों से लेकर डॉक्टरों और आशा कार्यकर्ताओं तक की भूमिका रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आठ एस्पायरेशनल जिलों में डॉक्टर जाना नहीं चाहते थे लेकिन, टेली मेडिसिन से यह कमी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से दूरदराज गांवों तक लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने श्रवस्ती में इससे आए बदलाव का उदाहरण दिया और हमीरपुर की सीएचसी में अपोलो अस्पताल के डॉक्टर से मरीज के इलाज का प्रेजेंटेशन भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों की कमी के बावजूद स्थानीय कर्मियों के प्रशिक्षित कर टेली-मेडिसिन की सुविधा शुरू की गई। टेली-मेडिसिन से इलाज मिलने के कारण पलायन की प्रवृत्ति और बीमारी से मौत के आंकड़ों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि एएनएम को दिए टैबलेट से मुख्यालय तक तेजी से सूचनाएं पहुंच सकेंगी। आयोजन में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, मंत्री प्रो.रीता बहुगुणा जोशी, राज्यमंत्री स्वाती सिंह व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय सहित अन्य मौजूद थे।

दो साल में बदली सूरत : मुख्यमंत्री ने कहा कि दो साल पहले अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में दवाएं नहीं थीं। यह संस्थान उपेक्षा के शिकार थे और बुनियादी सेवाएं भी नहीं थीं। इसी वजह से हाईकोर्ट को गंभीर टिप्पणी करनी पड़ी थी लेकिन, अब सब जगह बेहतर सुविधाएं और पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि पहले दवा खरीद के नाम पर खेल होता था, जबकि अब बाजार भाव से आधे दाम पर दवा खरीद कर मरीजों को मुफ्त दी जा रही हैं। जिला अस्पतालों को भी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य सेवाओं में आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग की सराहना करते हुए उनका मानदेय 750 रुपये बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह रकम परफॉर्मेस बेस्ड होगी। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई सेवाओं का लोकार्पण करते हुए अधिक से अधिक लोगों तक बेहतर ढंग से सुविधाएं पहुंचाए जाने और मरीजों से शालीन व्यवहार करने की उम्मीद डॉक्टरों से जताई है।1शुक्रवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री ने लोकभवन में 750 नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (आरोग्य केंद्र) व सौ बिस्तरों के 17 एमसीएच विंग के साथ ही 28 जिलों में टेली-मेडिसिन और 361 सीएचसी में टेली-रेडियोलॉजी सेवा का लोकार्पण किया। उन्होंने 108 सेवा की 712 एंबुलेंस बढ़ाते हुए आरोग्य केंद्रों में कार्यरत एएनएम को टैबलेट वितरित किया, जबकि आयुष्मान योजना से बाहर रह गए गरीब परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत गोल्डेन कार्ड सौंपे। इन योजनाओं व सुविधाओं के लिए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को साधुवाद और प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि 56 महीने में केंद्र सरकार ने और 23 महीने में राज्य सरकार ने लक्ष्य हासिल करने में सफलता पाई है, जिसमें अधिकारियों से लेकर डॉक्टरों और आशा कार्यकर्ताओं तक की भूमिका रही है। 1मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आठ एस्पायरेशनल जिलों में डॉक्टर जाना नहीं चाहते थे लेकिन, टेली मेडिसिन से यह कमी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से दूरदराज गांवों तक लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने श्रवस्ती में इससे आए बदलाव का उदाहरण दिया और हमीरपुर की सीएचसी में अपोलो अस्पताल के डॉक्टर से मरीज के इलाज का प्रेजेंटेशन भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों की कमी के बावजूद स्थानीय कर्मियों के प्रशिक्षित कर टेली-मेडिसिन की सुविधा शुरू की गई। टेली-मेडिसिन से इलाज मिलने के कारण पलायन की प्रवृत्ति और बीमारी से मौत के आंकड़ों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि एएनएम को दिए टैबलेट से मुख्यालय तक तेजी से सूचनाएं पहुंच सकेंगी। आयोजन में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, मंत्री प्रो.रीता बहुगुणा जोशी, राज्यमंत्री स्वाती सिंह व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय सहित अन्य मौजूद थे।1दो साल में बदली सूरत : मुख्यमंत्री ने कहा कि दो साल पहले अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में दवाएं नहीं थीं। यह संस्थान उपेक्षा के शिकार थे और बुनियादी सेवाएं भी नहीं थीं। इसी वजह से हाईकोर्ट को गंभीर टिप्पणी करनी पड़ी थी लेकिन, अब सब जगह बेहतर सुविधाएं और पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि पहले दवा खरीद के नाम पर खेल होता था, जबकि अब बाजार भाव से आधे दाम पर दवा खरीद कर मरीजों को मुफ्त दी जा रही हैं। जिला अस्पतालों को भी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है।सत्ता मद देती है, संत सहारा लेकिन जब संत सत्ता में हो तो सिर्फ सहारा मिलता है। इसकी एक झलक लखनऊ में दिखी शुक्रवार को लोक भवन में आयोजित स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम में जहां महिला के हाथ से गिरे प्रमाण पत्र को उठाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुन: थमा दिया।’>>टेली-मेडिसिन, टेली-रेडियोलॉजी तथा 102 व 108 सेवा की नई एंबुलेंस का लोकार्पण

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