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INCOMETAX, BUDGET : बजट 2019 में सरकार ने टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की 3 करोड़ कर्मचारियों को मानक कटौती की सीमा 50 हजार करते हुए 7 लाख तक छूट का होगा लाभ, यहीं जानिए टैक्स में छूट की 10 बड़ी बातें

INCOMETAX, BUDGET : बजट 2019 में सरकार ने टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की 3 करोड़ कर्मचारियों को मानक कटौती की सीमा 50 हजार करते हुए 7 लाख तक छूट का होगा लाभ, यहीं जानिए टैक्स में छूट की 10 बड़ी बातें

लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली।एनडीए सरकार ने अंतरिम बजट पेश करते हुए आम लोगों को टैक्स में रियायत में बड़ी रियायत का प्रस्ताव किया है। लोकसभा चुनाव से पहले ये आम आदमी को सरकार की तरफ से बड़ा तोहफा है। सरकार आयकर छूट की सीमा ढाई से लाख रुपये से बढ़ाकर सीधे 5 लाख रुपये कर दिया है। मोदी सरकार अंतरिम बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर मिडिल क्लास को खुश कर दिया है।

जानिए टैक्स में छूट की 10 बड़ी बातें-

1-वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को आयकर छूट की सीमा को दोगुना कर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है।
2-इसके अलावा मानक कटौती की सीमा को भी 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 करने का प्रस्ताव किया गया है।
3-गोयल ने लोकसभा में 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस प्रस्तवा से मध्यम वर्ग के तीन करोड़ करदाताओं को लाभ होगा। आयकर छूट की सीमा को दोगुना करने से सरकारी खजाने पर 18,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
4-निवेश के साथ 6.5 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्सब नहीं देना होगा। यदि कोई करदाता किसी सरकार की विशेष कर बचत योजना में निवेश करता है तो उसके लिए प्रभावी कर मुक्त आय की सीमा एक साल में 6.5 लाख रुपये होगी।
5-एनपीएस, चिकित्सा बीमा और आवास ऋण के ब्याज भुगतान को जोड़ने पर यह सीमा और बढ़ जाएगी।
6-वित्त मंत्री ने बैंकों और डाक खाकघर की बचत योजनाओं पर मिलने वाले सालना 40000 रुपये तक के ब्याज को स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) से छूट दे दी है। अभी छूट 10000 रुपये तक के ब्याज पर थी।
7-सरकार के इस फैसले से पांच लाख से ऊपर आय वालों को 13 हजार रुपये का फायदा होगा।
8-इसी के साथ एफडी के ब्याज पर 40 हजार तक टैक्स नहीं देना होगा। अबतक 10 हजार ब्याज पर टैक्स नहीं था।
9-महिलाओं को बैंक से 40 हजार तक ब्याज पर टैक्स नहीं देना होगा।
10-गोयल ने ग्रेच्युटी भुगतान सीमा को 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये कर दिया गया है. इसका मतलब यह है कि अब लगभग पांच साल के बाद नौकरी छोड़ने पर मिलने वाली अधिकतम 10 लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर अधिकतम 20 लाख रुपये कर दिया गया है।



नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पीयूष गोयल का अंतरिम बजट मिडिल क्लास की उम्मीदों के मुताबिक काफी बेहतर रहा। जैसा कि उम्मीद की जा रही थी उन्होंने टैक्स फ्री आय को 2.50 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया। गोयल ने एचआरए में भी इजाफा कर इसे 2.40 लाख रुपये तक पहुंचा दिया। एक तरह से कहा जाए तो यह मिडिल क्लास को दोहरी राहत है जिसकी उम्मीद उसने गोयल के अंतरिम बजट से लगा रखी थी।

मिडिल क्लास को अब कितनी राहत?

एक तरह से देखा जाए तो यह मिडिल क्लास के लिए बहुत बड़ी राहत है। 5 लाख रुपये तक की टैक्स फ्री आमदनी के साथ ही 80C की 1.50 लाख रुपये तक की छूट सीमा को अगर जोड़ दिया जाए तो यह छूट 6.50 लाख रुपये तक पहुंच जाती है। वहीं बीते साल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जिस 40 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन की बात कही थी उसे भी बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। इससे भी देश के मिडिल क्लास को राहत मिलेगी।

समझ लीजिए टैक्स छूट का पूरा गणित:वित्त मंत्री ने 5 लाख रुपये तक की आय को जो टैक्स फ्री किया है उसे टैक्स के नजरिए से समझना जरूरी है। टैक्स एक्सपर्ट चार्टेड अकाउंट अंकित गुप्ता ने बताया कि 5 लाख तक की टैक्स फ्री आय ग्रॉस इनकम-डिडक्शन के बाद होगी। यानी किए गए निवेश को घटाने के बाद अगर आपकी आय 5 लाख रुपये सालाना से कम है तो ही आप टैक्स छूट के दायरे में आएंगे। ये होगी स्लैब-

  • 5 लाख तक की आय: 5 फीसद टैक्स (लेकिन 87A के तहत छूट के दायरे में)
  • आपको बता दें 87A के अंतर्गत आप 12,500 रुपये की टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं।

(यानी 5 लाख रुपये तक की आय पर अभी तक 2.50 लाख रुपये टैक्स फ्री होते है। बाकी के 2.50 लाख रुपये पर 5 फीसद के हिसाब  से 12,500 रुपये की टैक्स देनदारी बनती थी। लेकिन 87A के अंतर्गत यह टैक्स छूट के दायरे में आ जाएगी।) 

वहीं जिनकी आय 5 लाख से ऊपर होगी उनके लिए क्या होगी स्लैब रेट:

  • 2.50 लाख से लेकर 5 लाख तक: 5 फीसद
  • 5 लाख से 10 लाख तक: 20 फीसद
  • 10 लाख से ऊपर: 30 फीसद

5 नहीं 7 लाख तक की आय होगी ऐसे टैक्स फ्री: 5 लाख तक की आय तो व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा में आ गई है। इसमें अगर आर 80C की डेढ़ लाख की छूट को शामिल कर लें तो यह लिमिट बढ़कर हो गई 6.50 लाख रुपये। वहीं अगर इसमें 80D को शामिल कर लिया जाए जिसमें 50 हजार रुपये तक की छूट मिलती है (25 हजार खुद का और 25 हजार माता-पिता का इंश्योरेंस) तो यह सीमा 7 लाख रुपये तक पहुंच जाती है।

उदाहरण से समझिए: मान लीजिए आपकी सालाना आय 7 लाख रुपये है तो आपकी 7 लाख की आय में 1.50 लाख रुपये 80C के कम कर दीजिए। अब बचे 5.50 लाख रुपये। अब 80D के तहत 50 हजार रुपये की टैक्स कटौती और कम कर दीजिए। बचे 5 लाख रुपये ये ही पांच लाख रुपये टैक्स फ्री होंगे।

पीयूष गोयल ने जैसे ही संसद में 5 लाख तक की टैक्स फ्री आय की घोषणा की संसद में मोदी-मोदी के नारे लगने लगे। गोयल ने यहां पर देश के करदाताओं का भी धन्यवाद अदा किया। उन्होंने कहा, " मैं अपने सभी टैक्स देने वाले देशवासियों को धन्यवाद देता हूं जिस कारण से गरीबों के लिए योजनाएं लागू करने में आसानी हुई।" 

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