ALLAHABAD HIGHCOURT : स्कूलों की मान्यता के लिए खेल मैदान जरुरी, बिना खेल मैदान वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने का निर्णय उचित: हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि विद्यालय को बोर्ड से मान्यता देने के लिए आवश्यक है कि उस विद्यालय के पास खेल का मैदान हो। स्कूल का भवन और खेल का मैदान एक ही परिसर में होना चाहिए। यह अलग-अलग नहीं हो सकता। यदि खेल का मैदान स्कूल भवन से दूर है या इस तक जाने के लिए बच्चों को सड़क पार करनी पड़ती है तो खेल मैदान का उद्देश्य विफल हो जायेगा। एपल गोव स्कूल सहारनपुर की याचिका खारिज करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिया है। स्कूल ने सीबीएसई बोर्ड के फरवरी-2018 के आदेश को चुनौती दी थी। बोर्ड ने विद्यालय की मान्यता इस आधार पर रद्द कर दी थी कि उसके पास खेल का मैदान नहीं है। विद्यालय का कहना था कि उनके पास खेल का मैदान है मगर वह कुछ दूरी पर स्थित है। स्कूल ने सड़क पार करने के लिए फुटओवर ब्रिज के निर्माण का प्रस्ताव रखा था, मगर उनका प्रस्ताव रद्द कर दिया गया। कोर्ट ने याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि मैदान उसी परिसर में होना जरूरी है।
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