MEETING, PROTEST, PURANI PENSION : पुरानी पेंशन बहाली के लिए होगी हड़ताल, उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा व मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय संग वार्ता विफल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखा जाएगा पुरानी पेंशन का मामला,लिखित व समयबद्ध न होने पर नेताओं ने 25 से 27 अक्टूबर की हड़ताल की घोषणा
लखनऊ : पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी-पुरानी पेंशन बहाली मंच द्वारा सोमवार को आयोजित रैली ऐतिहासिक रही। राज्य व केंद्रीय कर्मचारियों के 150 और शिक्षकों के 36 संगठनों के बैनर तले जुटे एक लाख से ज्यादा लोगों को देख जहां राजधानी के पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए, वहीं रैली खत्म होने से पहले ही इसकी धमक शासन तक पहुंच गई।
राज्य सरकार ने तुरंत वार्ता का बुलावा भेजा, जिस पर ईको गार्डन में चल रही रैली के बीच से ही नेता वार्ता के लिए गए लेकिन, यह बेनतीजा रही। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय व वित्त, कार्मिक और गृह के अफसरों की मौजूदगी में उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राजधानी में न होने और अगले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का आश्वासन दिया लेकिन, वह लिखित व समयबद्ध न होने पर नेताओं ने 25 से 27 अक्टूबर की हड़ताल की घोषणा कर दी। इस बीच कुछ न होने पर 27 को अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करने की चेतावनी भी दी।
दिल्ली तक जाने का शंखनाद : मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी व अध्यक्ष डॉ.दिनेश चंद शर्मा ने पुरानी पेंशन बहाल होने तक आंदोलन के न रुकने का शंखनाद करते हुए दिल्ली तक पहुंच कर केंद्र की कुर्सी हिलाने की चेतावनी दी। करीब 2.50 करोड़ राज्य कर्मचारी व 32 लाख केंद्रीय कर्मचारियों से नई पेंशन योजना के नाम पर लिए गए लगभग दस हजार करोड़ रुपये का सरकारों के पास कोई लेखा-जोखा न होने का हवाला देते हुए कहा कि अब सभी राज्यों में ऐसा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। वक्ताओं ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना यदि बहाल न हुई तो अगले साल केंद्र सरकार उन लोगों को भी पेंशन न देने का एलान कर देगी, जिन्हें देने का वादा उसने किया है और जिन्हें वर्तमान में पेंशन मिल रही है।
बड़े अधिकारी जिम्मेदार : कर्मचारी अधिकारी महापरिषद के पूर्व अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह ने आंदोलन के लिए सरकार के बड़े अधिकारियों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, अब सरकार को कर्मचारियों से सीधे वार्ता कर हल निकालना चाहिए। मंच के अध्यक्ष डॉ.दिनेश चंद शर्मा ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट के बाद सरकार पर विश्वास करना कर्मचारी हित में नहीं है। रेलवे नेता शिवगोपाल मिश्र ने इसे हक की लड़ाई ठहराते हुए केंद्रीय कर्मचारियों के भी पूरी तरह साथ रहने का दावा किया।
विधानभवन भी घेरा : एक ओर ईको गार्डन कर्मचारियों व शिक्षकों के नारों से गूंज रहा था तो इधर एक बड़े समूह ने विधान भवन को घेर लिया। कर्मचारियों की संख्या देख पुलिस-प्रशासन उनसे हटने का आग्रह करने से ज्यादा कुछ नहीं कर सका। आधे घंटे तक ठप रही व्यवस्था के बाद कर्मचारी तब ही हटे, जब मंच के नेताओं ने उन्हें यहां से हटने का निर्देश दिया।
25 से 27 अक्टूबर तक हड़ताल की चेतावनी दी
‘सरकार नहीं मानी तो टकराव’
2 लाख कर्मियों की हुंकार
नजरिया
पुरानी पेंशन नीति बहाल करने के मुद्दे पर सरकार से वार्ता विफल होने के बाद राज्य कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है। हड़ताल हुई तो प्रदेश के विकास पर असर पड़ेगा। सरकार और कर्मचारियों दोनों के लिए ही यह ठीक नहीं। इसलिए दोनों को मिलकर जल्द से जल्द इसका सर्वमान्य हल तलाश लेना चाहिए।
डिप्टी सीएम से
वार्ता विफल हुई
दोपहर एक बजे कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी-पुरानी पेंशन बहाली मंच के सदस्यों को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने बुलाया। एक घंटे तक चली वार्ता में सहमति नहीं बनीं तो कर्मचारी नेता लौट गए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नेता रामराज दुबे ने बताया कि डिप्टी सीएम ज्यादातर मसलों से अनिभिज्ञ थे और आश्वासन दे रहे थे। ऐसे में वार्ता विफल रही। वार्ता करने गए प्रतिनिधि मंडल में बाबा हरदेव सिंह, हरिकिशोर तिवारी, एमएलसी संजय मिश्र, राजबहादुर चंदेल व निखिल शुक्ल मौजूद थे।
कर्मचारियों के वेतन से नई पेंशन के नाम पर काटे है। इस पैसे का सरकार के पास कोई लेखा-जोखा नहीं है। कर्मचारी अधिकारी महापरिषद के पूर्व अध्यक्ष बाबा हरदेव ने कहा कि सरकार को पुरानी पेंशन नीति बहाल करनी चाहिए। वहीं, मंच संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि अरसे से हम केंद्र व राज्य सरकार से पुरानी पेंशन नीति की बहाली के लिए शांतिपूर्ण तरीके से अनुरोध कर रहे थे। आज की रैली के बाद भी सरकार नहीं मानी तो टकराव तय है।
8 िवधान भवन के सामने जुटे कर्मचारी, लगा जाम : पेज 3
ईको गार्डन में सोमवार को कर्मचािरयों ने िकया िवरोध प्रदर्शन
पुरानी पेंशन नीति की बहाली की मांग पर ईको गार्डन में जुटे
• एनबीटी संवाददाता, लखनऊ
कर्मचारी की तनख्वाह से काटा गया अंश शेयर मार्केट में लगाने की पेंशन नीति व पेंशन में सरकारी अंश का हिसाब न देने के विरोध में दो लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों ने सोमवार को लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया। ईको गार्डन में आयोजित रैली में कर्मचारियों की इतनी बड़ी संख्या देख प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से कर्मचारी और शिक्षक नेताओं की वार्ता करवाई गई। वार्ता विफल होने पर कर्मचारी नेताओं ने 25 से 27 अक्टूबर तक सरकारी विभागों में हड़ताल करने की चेतावनी दी है। नेताओं का कहना है कि बात नहीं बनी तो इसे अनिश्चितकालीन हड़ताल में तब्दील किया जाएगा।
सोमवार सुबह ईको गार्डन से लेकर विधान भवन तक कर्मचारी ही कर्मचारी नजर आ रहे थें। ज्यादातर कर्मचारियों का जमावड़ा ईको गार्डन में था। करीब 11 बजे ट्रेड यूनियन नेता शिव गोपाल मिश्र ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक करीब 10 हजार करोड़ रुपये केंद्रीय और राज्य
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