MDM : मिड-डे मील के लिए बच्चों ने स्कूल में उगाईं ऑर्गेनिक सब्जियां, बच्चे करते हैं मेहनत, सीखते हैं ऑर्गेनिक खेती
चंडीगढ़ के सेक्टर 47 स्थित गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों ने बेहतर पहल की है। स्कूल में परोसे जाने वाले मिड-डे मील के लिए वे खुद ही ऑर्गेनिक सब्जियों उगा रहे हैं। जी हां, चार साल पहले शुरू हुई सब्जियों की पैदावार आज क्विंटलों में पहुंच गई है।1बच्चे द्वारा उगाई जा रही सब्जी उनके लिए स्कूल में बनने वाले मिड-डे मील में तो इस्तेमाल हो ही रही है साथ ही आसपास के अन्य स्कूलों में भी पहुंचाई जा रही है। ऑर्गेनिक सब्जियों को उगाने की पहल करने वाला यह स्कूल (जीएमएसएसएस-47) देश का पहला स्कूल बन गया है, जहां पर मिड-डे मील की पौष्टिकता खुद बच्चे तय करते है। 1स्कूल में ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत प्याज से की गई थी। जो कि बाद में आलू, कद्दू, धनिया, बैगन, गाजर, मूली, पालक जैसी सब्जियों के रूप में आगे बढ़ती चली गई। इस साल गर्मियों में स्कूल ने दो क्विंटल प्याज पैदा किया। प्याज के अलावा अन्य सब्जियों की आठ क्विंटल पैदावार हुई। उसके बाद बरसात के सीजन में यह पैदावार दस क्विंटल तक पहुंची। जिसमें भिंडी से लेकर, तोरी और घीया भी शामिल थे। इस समय सर्दियों के सीजन की सब्जियों को बोया जा चुका है जो कि नवंबर से मिड-डे मील के लिए तैयार होना शुरू हो जाएंगी। यहां मिड-डे मील में स्टूडेंट्स को खाने के साथ भरपूर सलाद भी परोसा जाता है। मूली, खीरा और प्याज के अलावा सलाद में अन्य सब्जियों का चयन स्टूडेंट्स ही करते हैं। पहली से आठवीं कक्षा के डेढ़ हजार स्टूडेंट्स को यहां पर मिड-डे मील रोजाना परोसा जाता है। इसमें मेन्यू के मुताबिक व्यंजनों के साथ-साथ एक हरी सब्जी अवश्य परोसी जाती है।
बच्चे करते हैं मेहनत, सीखते हैं ऑर्गेनिक खेती
इस गार्डन को चलाने का कार्य बच्चे खुद करते है। स्कूल के दैनिक कार्यक्रम में से कुछ समय निकालकर वे जैविक खेती में निपुणता हासिल करते हैं। स्कूल के अनेक बच्चे घरों में भी इस पद्धति से सब्जियां उगा रहे हैं। इस स्कूल के बच्चों की पहल को सरकार की तरफ से भी सम्मान मिल चुका है। इस तरह का प्रयोग देशभर के अन्य स्कूलों में भी शुरू किए जाने की बात कही गई है।
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