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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SCAM, SHIKSHAK BHARTI : शिक्षक भर्ती घोटाले में योगी आदित्यनाथ एक्शन में- एक निलंबित, पांच को हटाया

SCAM, SHIKSHAK BHARTI : शिक्षक भर्ती घोटाले में योगी आदित्यनाथ एक्शन में- एक निलंबित, पांच को हटाया


अनियमितताओं के लिए प्रथम दृष्टया दोषी, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाई प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। ...

लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में अनियमित्ताओं पर आज बड़ी कार्रवाई की है। इस पूरे मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह को निलंबित किया गया है। इस सारे मामले की जांच प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी की समिति को सौंपने के साथ ही अन्य अधिकारियों पर भी एक्शन लिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में सम्पन्न हुई 68,500 सहायक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में संज्ञान में आयी अनियमित्ताओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। यह समिति दोषियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए सात दिन के अन्दर अपनी आख्या प्रस्तुत करेगी। उन्होंने अनियमितताओं के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पायी गईं सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाई प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। निलम्बन की अवधि में इन्हें निदेशक बेसिक शिक्षा के लखनऊ कार्यालय से सम्बद्ध किया जाएगा।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा परिषद तथा सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद के रिक्त पदों पर अविलम्ब अधिकारियों की तैनाती किए जाने के निर्देश भी दिए हैं। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में शासन ने प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है। निदेशक सर्व शिक्षा अभियान वेदपति मिश्रा तथा निदेशक बेसिक शिक्षा सर्वेंद्र विक्रम सिंह को इस समिति का सदस्य नामित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। यह समिति दोषियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए सात दिन के अन्दर अपनी आख्या प्रस्तुत करेगी।

प्रवक्ता ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद तथा सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी, इलाहाबाद के रिक्त पदों पर तत्काल अधिकारियों की नियुक्ति किए जाने सम्बन्धी मुख्यमंत्री जी के आदेशों के क्रम में अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ रूबी सिंह को सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के पद पर तैनात किया गया है। इसी प्रकार बेसिक शिक्षा विभाग के निवर्तन पर ललिता प्रदीप को अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ तथा संयुक्त शिक्षा निदेशक मेरठ अनिल भूषण चतुर्वेदी को निदेशक राज्य विज्ञान संस्थान इलाहाबाद एवं सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद के पद पर तैनात किया गया है।

रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं इलाहाबाद, जीवेन्द्र सिंह ऐरी को वरिष्ठ प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कौशाम्बी तथा संयुक्त निदेशक सर्व शिक्षा अभियान लखनऊ अजय कुमार को रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं इलाहाबाद के पद पर तैनात किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ पवन सचान को संयुक्त निदेशक सर्व शिक्षा अभियान लखनऊ तथा उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद भगवती सिंह को बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यों के लिए शासन से सम्बद्ध किया गया है। 

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इस प्रकरण में एक रिट याचिका संख्या 24172/2018 सोनिका देवी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में उच्च न्यायालय द्वारा यह संवीक्षण किया गया है कि इस प्रकरण में मूल्यांकन के समय अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका ही बदल दी गयी। इस सम्बन्ध में प्रदेश के महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि कि शासन स्तर पर इस सम्बन्ध में आवश्यक जॉच कराने के पश्चात, इसमें जो भी व्यक्ति दोषी पाये जायेंगे उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। 

 

इसी भर्ती परीक्षा के सम्बन्ध में 23 ऐसे अभ्यर्थियों की सूची भी प्राप्त हुई जो अनक्वालिफाइड थे, लेकिन उन्हें परीक्षा में क्वालीफाइड बताया गया। संज्ञान में आने पर इन सभी की नियुक्तियां परिषद के माध्यम से रोक दी गयी हैं। प्रथम दृष्टया परीक्षा के मूल्यांकन में तथा परिणाम घोषित होने में गम्भीर अनियमित्ताएं परिलक्षित हुईं हैं, जिसमें और अधिक जांच की आवश्यकता है, ताकि सभी दोषियों के विरूद्ध एक्जेम्प्लरी कार्यवाही की जा सके। प्रकरण में कार्रवाई की प्रभावी मिसाल स्थापित करते हुए वरिष्ठ स्तर पर जिम्मेदारी निर्धारित करने के लिए मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिए हैं।

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