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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SHIKSHAK BHARTI, BASIC SHIKSHA NEWS : अब प्रशिक्षु खुद दुरुस्त करा सकेंगे प्रशिक्षण रिकॉर्ड, नई पहल से परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में संशोधन आवेदन की जरूरत नहीं

SHIKSHAK BHARTI, BASIC SHIKSHA NEWS : अब प्रशिक्षु खुद दुरुस्त करा सकेंगे प्रशिक्षण रिकॉर्ड, नई पहल से परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में संशोधन आवेदन की जरूरत नहीं

इलाहाबाद : शिक्षक सहित अन्य भर्तियों में प्रशिक्षण अभिलेख दुरुस्त कराने की मुहिम शुरू हो रही है, ताकि खामियों पर अंकुश लग सके। इसके लिए प्रशिक्षुओं को न तो दूर स्थित कार्यालय की परिक्रमा करनी होगी और न ही अफसर से गुहार लगानी पड़ेगी, बल्कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट प्राचार्य को आवेदन करना होगा। तकनीक से कदमताल करते हुए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र इसके लिए जल्द ही पोर्टल शुरू करने जा रहा है। इसे अभ्यर्थी वर्ष भर देखकर खुद गड़बड़ी दुरुस्त करा सकेंगे।

परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र इलाहाबाद प्रदेश के विभिन्न राजकीय व निजी कालेजों में चल रहे बीटीसी, डीएलएड, बीपीएड सहित अन्य कई प्रशिक्षणों की सेमेस्टर परीक्षाएं कराता है। इसके अलावा शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी का हर वर्ष इम्तिहान हो रहा है। इस वर्ष प्राथमिक स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा भी इसी संस्था ने कराई। प्रशिक्षु आवेदन करते समय अपना नाम, पिता का नाम, जन्म तारीख के अलावा शैक्षिक विवरण दर्ज करते समय कई बार गड़बड़ी करते हैं। पहले उन्हें आवेदन करने के बाद ऑनलाइन सुधार कराने का भी मौका दिया गया लेकिन, उसका भी असर नहीं हुआ। इससे अब त्रुटि सुधार के लिए मौका नहीं दिया जा रहा है। बाद में प्रशिक्षु इन त्रुटियों को ठीक कराने के लिए जिलों से परीक्षा नियामक कार्यालय की दौड़ लगाते थे। यही नहीं टीईटी या फिर शिक्षक भर्ती में आवेदन करते समय अभिलेख में दर्ज रिकॉर्ड मेल न खाने से व दावेदारी करने से चूकते रहे। वहीं, परीक्षा नियामक कार्यालय संशोधन के आवेदन जिले में भेजकर पुष्टि कराता है, तब संशोधन हो पाते थे।

इस व्यवस्था में बदलाव हो रहा है। परीक्षा नियामक कार्यालय प्रशिक्षुओं के आवेदन पत्र का एक पोर्टल जारी कर रहा है। जिसे सारे प्रशिक्षु देख सकेंगे। उसमें यदि नाम, पिता का नाम आदि में कोई संशोधन है तो वह डायट प्राचार्य को आवेदन करके वहीं से संशोधित करा सकेंगे। सचिव डा. सुत्ता सिंह ने बताया कि प्राचार्यो को भी निर्देश दिया जा रहा है कि वे अभिलेखों का परीक्षण करके ही संशोधन कराएं।

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