MDM : कुपोषण से निपटने के लिए मिड डे मील से पहले पौष्टिक नाश्ता, सीमैप सहित देश की पांच प्रयोगशालाओं में बनेगा छात्रों के लिए रेडी टू ईट नाश्ता
रूमा सिन्हा ’ लखनऊ । कुपोषण से निपटने के लिए अब वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) ने विशेष पहल की है। न्यूट्रास्यूटिकल मिशन के तहत सीएसआइआर की पांच प्रयोगशालाएं बच्चों के लिए सुबह के नाश्ते की ऐसी रेसिपी तैयार करेंगी जो न केवल पौष्टिक होंगी बल्कि स्वादिष्ट भी होंगी। खास बात यह है कि इस रेडी टू ईट नाश्ते को तैयार करने के लिए क्षेत्रीय खानपान के तौर-तरीके के साथ वहां होने वाले औषधीय पौधों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे बच्चों के दिन की शुरुआत स्वादिष्ट व पौष्टिक नाश्ते से हो सके ।
विश्व के कुल कुपोषित बच्चों में एक तिहाई भारत में हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार ने इंटेग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम (आइसीडीएस) व नेशनल हेल्थ मिशन के साथ-साथ अगस्त 1995 में मिड डे मील योजना की शुरुआत की थी। मिड डे मील के तहत बच्चों को स्कूलों में ताजा बना भोजन दिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद कुपोषण की स्थिति से निपटने में कोई खास मदद नहीं मिल पा रही है। वजह यह है कि बच्चों को सुबह का नाश्ता जो कि दिन भर के लिए ऊर्जा देने का काम करता है नहीं मिलता। विशेषज्ञों का मानना है कि रात में आठ-दस घंटे के अंतराल के बाद नाश्ता दिनभर का सबसे महत्वपूर्ण आहार होता है। ऐसे में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत सरकार द्वारा सीएसआइआर को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा अनुसंधान संस्थान (सीमैप) सहित मैसूर के सीएफटीआरआइ, पालमपुर के आइएचबीटी, त्रिवेंद्रम के एनआइआइएसटी व जोहराट के एनइआइएसटी प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक इस मिशन को अंजाम देने के लिए जुटेंगे। सीमैप के निदेशक डॉ.अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि नाश्ते की रेसिपी तैयार करने में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाएगा कि बच्चों में विटामिन बी-12, विटामिन डी, आयरन आदि की कमी पूरी हो सके। साथ ही क्षेत्र विशेष में खान-पान के तौर-तरीकों का ध्यान रखा जाएगा। नाश्ता ऐसा होगा जो बच्चों को पसंद आए और खाने में आसान हो। सीमैप को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्यप्रदेश व राजस्थान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ.दिनेश कुमार ने बताया कि नाश्ते को तैयार करने के लिए मोटे अनाज के साथ-साथ सेहत के लिए मुफीद औषधीय पौधों को शामिल कर वैज्ञानिक विधि से टेक्नोलॉजी विकसित की जाएगी। यह नाश्ता रेडी टू ईट होगा। बच्चों की पसंद का विशेष ख्याल रखा जाएगा जिससे वह रुचि के साथ इसका सेवन कर सकें। कंसलटेंट प्रियंका सिंह बताती हैं कि नाश्ता फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा।रिसर्च टीम के सदस्य
डॉ.दिनेश कुमार, सुधा अग्रवाल, डॉ. करुणा शंकर, डॉ.पूजा खरे, डॉ.अनिर्बान पाल, डॉ.एमपी दारोकर, डॉ. शोएब लुकमान, डॉ.आलोक कालरा व प्रो.अनिल कुमार त्रिपाठी।
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