INCOME TAX : ITR फाइलिंग के दौरान होने वाली इन बड़ी गलतियों से बचें, जानिए
आईटीआर फाइलिंग के दौरान लोग आमतौर पर सबसे बड़ी गलती फॉर्म के चयन को लेकर करते हैं...
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख को अब सिर्फ कुछ दिन ही बचे हैं। 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष 2018 के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 है। काफी सारे करदाता आखिरी दिनों में आईटीआर फाइल करने की भूल करते हैं, जबकि उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए। आमतौर पर लोग आईटीआर फाइलिंग के दौरान कुछ सामान्य गलतियां करते हैं जिससे उन्हें बचना चाहिए। जानिए आईटीआर फाइलिंग को दौरान आपको किन गलतियों से बचना चाहिए।
अगर आप सजग करदाता हैं तो आपको वित्त वर्ष की शुरुआत में ही निवेश और टैक्स बचाने से जुड़ी योजनाओं में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए। ऐसा कर आप आखिरी मिनट की हड़बड़ाहट से बच सकते हैं।
आईटीआर फाइलिंग के दौरान लोग आमतौर पर सबसे बड़ी गलती फॉर्म के चयन को लेकर करते हैं। आईटीआर फाइलिंग के लिए सही फॉर्म का चयन और आकलन वर्ष की जानकारी होना सबसे जरूरी होता है। साथ ही आपको आखिरी मिनट या दिन में फाइलिंग की आदत से बचना चाहिए।
फाइलिंग के दौरान सही सही डिटेल भरनी चाहिए जो कि आपके पैन और आधार में दर्ज जानकारी से मेल खाती हो।
आईटीआर फाइलिंग के दौरान अपने बैंक अकाउंट और IFSC की सही सही जानकारी देनी चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो अपने आईटीआर की सही सही प्रोसेसिंग को लेकर सुनिश्चित हो सकते हैं।
करदाता सबसे आम गलती यह करते हैं कि वो अन्य स्रोत से होने वाली आय का उल्लेख नहीं करते हैं। टैक्स संबंधी मुश्किलों से बचने के लिए यह सुनिश्चित करें कि आप अपनी हर तरह की आय का खुलासा करें।
एक वित्त वर्ष के दौरान नौकरी बदलने की सूरत में एक करदाता को अपने पूर्व नियोक्ता से हुई कमाई का भी उल्लेख करना चाहिए, जैसा कि करदाता आमतौर पर नहीं करते हैं।
आईटीआर को ऑनलाइन फाइल करना भर काफी नहीं होता है बल्कि इसको ई-वेरिफाई करना भी उतना ही जरूरी होता है। आप ऐसा आधार ऑथेंटिकेशन या आयकर विभाग में अपने एकनॉलेजमेंट की हस्ताक्षरित कॉपी भेजकर कर सकते हैं।
टैक्स बचाने के लिए पता होनी चाहिए ये बातें:
एक वित्त वर्ष के दौरान अगर आप टैक्स की बचत करना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित विकल्पों का चयन कर सकते हैं।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में निवेश। आप टैक्स सेविंग इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश कर दो उद्देश्य पूरे कर सकते हैं। वेल्थ और टेक्स सेविंग फंड (ईपीएफ) का निर्माण।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)/ईपीएफ/एनएससी और केवीपी (किसान विकास पत्र) में निवेश।
5 वर्ष वाली टैक्स सेविंग एफडी में निवेश।
अगर आप न्यू पेंशन स्कीम में निवेश करते हैं तो आप 80C की कटौती के अलावा 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
जीवन बीमा पॉलिसी खरीदकर भी आप टैक्स की बचत कर सकते हैं।
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