BSA, SHIKSHAK BHARTI : परिषदीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती की गड़बड़ियों में बीएसए की अनदेखी, बीएसए ने भर्तियों के समय वरिष्ठ अफसरों के निर्देशों की पूरी तरह से की अनसुनी
इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की शिक्षक भर्तियों में गड़बड़ियों की जो शिकायतें सामने आ रही हैं, उनके मूल में नियुक्ति अधिकारी यानी बेसिक शिक्षा अधिकारी ही हैं। भर्ती का शासनादेश जारी होने के बाद विभागीय अफसर बार-बार निर्देश भेजते रहे लेकिन, उनका सही से पालन नहीं हुआ। इसीलिए नियुक्तियां होने के लंबे अर्से बाद तक गलत चयन के मामले सामने आ रहे हैं। अफसरों ने भर्ती के लिए जारी समय सारिणी तक का भी सही से अनुपालन नहीं किया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बसपा व सपा शासनकाल की भर्तियां इन दिनों निशाने पर हैं। चयन में गड़बड़ियों की शिकायत पर सात जिलों में जांच के आदेश हो चुके हैं, बाकी में भी समग्र जांच कराने की तैयारी है। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डा. प्रभात कुमार के निर्देश के चंद दिन पहले ही शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी बीएसए को पत्र भेजकर पिछले पांच वर्ष में हुई भर्तियों का अनुश्रवण व प्रमाणपत्रों का सत्यापन करने का आदेश दिया है। पत्र में कहा गया कि कई जिलों व अन्य माध्यमों से फर्जी शिक्षकों के चयन की सूचनाएं मिल रही हैं। शिक्षा निदेशक ने यह भी लिखा है कि नियुक्तियों के संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने विभिन्न निर्देशों में स्पष्ट रूप से लिखा है कि प्रथम वेतन भुगतान से पहले शिक्षक के शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन अवश्य करा लिया जाए।
हालात यह हैं कि बीएसए ने भर्तियों के समय वरिष्ठ अफसरों के निर्देशों की पूरी तरह से अनसुनी की। नियुक्तियां होने के बाद महीनों तक शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराने की सुधि नहीं ली गई, तभी अब भी जिलों में चयनितों के खिलाफ एफआइआर करानी पड़ रही है।
यहां तक कि नियुक्ति अधिकारियों ने समय सारिणी का भी अनुपालन नहीं किया। हाल में ही 12460 शिक्षक भर्ती की घोषित समय सीमा बीत जाने के बाद भी जिलों से कटऑफ जारी होते रहे। इसी भर्ती के दौरान कई जिलों में बीएसए ने मानक बदल करके नियुक्तियां कर दी।
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