शिक्षकों की कामचोरी पर सवाल पूछने वाले को दी माफी
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबाद
यूपी बोर्ड की 2018 इंटरमीडिएट परीक्षा में प्राइमरी शिक्षकों की कामचोरी पर सवाल पूछने वाले विषय विशेषज्ञ ने माफी मांग ली है। बोर्ड ने पहले तो कार्रवाई का निर्णय लिया था लेकिन पेपर सेट करने वाले शिक्षक की मार्मिक अपील और भविष्य में प्रश्नपत्र निर्माण के कार्य से खुद को अलग करने के अनुरोध के बाद उन्हें माफी दे दी गई है।
उन्होंने प्रश्नपत्र निर्माण का पारिश्रमिक भी नहीं लेने की बात कही है। बोर्ड की परीक्षा समिति ने उक्त शिक्षक को माफी देते हुए उनका नाम सार्वजनिक नहीं किया है। परीक्षा समिति के निर्णय को माध्यमिक शिक्षा निदेशक और बोर्ड के सभापति साहब सिंह निरंजन ने तीन दिन पहले अनुमोदित किया है।
पेपर में विवादित प्रश्न देने वाले शिक्षक ने माफीनामा में लिखा है कि उसका मकसद किसी को आहत करना नहीं था। इस मामले को आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने अंग्रेजी विषय के विशेषज्ञ को माफी दिए जाने की पुष्टि की है।
21 फरवरी को दूसरी पाली में आयोजित इंटर अंग्रेजी द्वितीय प्रश्नपत्र की परीक्षा में पेपर कोड 117/2 323 (सीए) में छात्र-छात्राओं से जो विवादित प्रश्न पूछा गया था उसका हिंदी में मतलब है- प्राथमिक स्कूल के शिक्षक की अपने कर्तव्य के प्रति कामचोरी (निकम्मेपन) का शिकायती पत्र जिलाधिकारी के नाम लिखें। व्हाट्सएप पर यह प्रश्न वायरल होने के बाद प्राथमिक शिक्षकों ने आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि प्रश्न उनके सम्मान पर हमला है। इसके जरिए बच्चों में यह धारणा बनाने की कोशिश हो रही है कि प्राइमरी के शिक्षक-शिक्षिकाएं कामचोर/निकम्मे हैं।
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