SHIKSHAK BHARTI, EXAMINATION : 68500 शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा की सभी कापियां जचेंगी और समय पर जारी होगा रिजल्ट, अनुक्रमांक का कॉलम दस व जारी रोल नंबर 11 अंकों रहा, अभ्यर्थियों को पहला व अंत का डिजिट भरने में परेशानी
इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में अनुक्रमांक भरने में अभ्यर्थियों को परेशानी हुई है। इसकी वजह उत्तर पुस्तिका में अनुक्रमांक का कॉलम 10 डिजिट का था, जबकि रोल नंबर 11 अंक का जारी हुआ। ऐसे में सही से अनुक्रमांक न भर पाने से अभ्यर्थी परेशान थे कि उनकी उत्तर पुस्तिका जांची जाएगी या नहीं। किसी ने शुरू की तो किसी ने अंत की डिजिट भरने में गड़बड़ी की है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डॉ. सुत्ता सिंह ने बताया कि इसमें अभ्यर्थियों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह ओएमआर नहीं है, जिसमें कंप्यूटर अनुक्रमांक पढ़ नहीं सकेगा। उन्होंने कहा कि भर्ती की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन मैनुअल होना है इसलिए सभी उत्तर पुस्तिकाएं जांची जाएंगी और पूरा रिजल्ट समय पर घोषित होगा। इसके लिए अभ्यर्थियों की उपस्थिति पत्रक से मिलान कराकर अनुक्रमांक गलत दर्ज होने की गड़बड़ी दूर कर लेंगे। ज्ञात हो कि शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि टीईटी 2017 में जिन अभ्यर्थियों का अनुक्रमांक व अन्य अंकन में गड़बड़ी थी, उनका रिजल्ट रोक दिया गया था। उसी वजह से अभ्यर्थी इस बार सशंकित रहे हैं।
मनोविज्ञान, शैक्षणिक व संस्कृत के सवालों में उलङो अभ्यर्थी : शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में 14 विषयों के 150 अति लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे गए। इसमें बाल मनोविज्ञान, संस्कृत व शैक्षणिक हिस्से के प्रश्नों का जवाब देने में परेशान हुए। वहीं, कुछ अभ्यर्थियों को सामान्य ज्ञान व गणित के सवालों ने उलझाया। कुछ ऐसे भी सवाल थे जिनके किताबों में दो जवाब दर्ज हैं। मसलन, भारत कला भवन कहां है। कुछ किताबों में वाराणसी तो अन्य में भोपाल दर्ज है। परीक्षा में स्वच्छता से संबंधित सवाल भी पूछा गया कि हाल के सर्वेक्षण में किस शहर को सबसे स्वच्छ माना गया है। वहीं, भारत की पहली महिला रक्षामंत्री पूर्णकालिक कौन है। अधिकांश अभ्यर्थी सभी प्रश्नों का जवाब नहीं दे सके हैं। उत्तर लिखने के कारण एक-एक सवाल का जवाब देने में समय लग रहा था, वहीं गणित के प्रश्नों को बाकायदे हल करना पड़ा। शिक्षामित्र इस परीक्षा को टीईटी से बेहतर बता रहे हैं, जबकि अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रश्नपत्र औसत बता रहे हैं।
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