ALLAHABAD HIGHCOURT, RECRUITMENT, VACANCY :प्रतियोगियों की गुहार नहीं अब कोर्ट की फटकार की सुन रही प्रदेश सरकार, भर्तियों के मामलों में मनमाने आदेशों पर अफसरों की अनसुनी पर कोर्ट के आदेशों से देनी पड़ रही ढील
इलाहाबाद : प्रदेश सरकार के बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के अफसरों की कार्यशैली की यह मामले बानगी भर हैं। दोनों विभागों में अनसुनी होने व मनमाने आदेश जारी करने के बहुतेरे प्रकरण हैं। एक ओर मुख्यमंत्री बड़े पैमाने पर भर्तियां करने के निर्देश और दावे कर रहे हैं। वहीं, अफसर रोड़े अटका रहे हैं। प्रतियोगी और शिक्षक निराश हैं।
राजकीय कालेजों के एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के कुछ विषयों में अर्हता को लेकर लंबे समय तक बवाल होता रहा। यह भर्ती व उसके नियम सपा शासनकाल में तय हुए अफसरों ने वाजिब मांग की अनसुनी करके यही संदेश दिया कि योगी सरकार युवाओं के साथ नहीं है।
अब हाईकोर्ट के निर्देश पर नियमों में ढील देना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने फूलपुर उपचुनाव के समय इलाहाबाद में एलान किया कि चयन बोर्ड का एक हफ्ते में गठन होगा। अफसरों ने अब जाकर पुनर्गठन किया है। राजकीय कालेजों के पुरुष शिक्षकों की पदोन्नति तीन साल से अटकी है, क्योंकि वरिष्ठता सूची फाइनल नहीं है। अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन एक साल में भी नहीं हो सका है।
■ पुलिस ही नहीं शिक्षा महकमे के अफसरों ने भी सीएम की नहीं सुनी
■ नियमों से हजारों प्रतियोगी व शिक्षक प्रभावित, कोर्ट ने राहत दी
■ केस एक
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 12460 शिक्षक भर्ती न करने पर खफा प्रतियोगियों से मुख्यमंत्री ने 16 मार्च को समस्या सुनी। अपर मुख्य सचिव को फटकार लगाकर एक हफ्ते में नियुक्ति पत्र देने को कहा। शासन ने 25 दिन बाद 11 अप्रैल को आदेश जारी किया।
■ केस दो
राजकीय कालेजों की 10 हजार एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में हंिदूी, कंप्यूटर आदि विषयों की अर्हता बदलने के लिए प्रतियोगी अफसरों की परिक्रमा करते रहे, अनसुनी होने पर हाईकोर्ट ने उन्हें राहत दी है। ऐसे ही 2016 में आवेदन करने वाले वह 40 की उम्र सीमा पार करने वाले अभ्यर्थियों को भी कोर्ट से ही आवेदन करने का मौका मिला है।
■ केस तीन
परिषदीय स्कूलों में 75 हजार शिक्षक व अनुदेशकों की भर्ती को 23 मार्च 2017 को रोका गया। अपील पर तीन नवंबर 2017 को कोर्ट ने दो माह में भर्ती पूरी करने का आदेश दिया। अफसर इस आदेश के खिलाफ डबल बेंच में गए वहां भी सरकार की किरकिरी हुई और कोर्ट ने एकल पीठ के निर्णय को सही माना।
■ केस चार
परिषदीय शिक्षकों के अंतर जिला तबादले का शासनादेश 13 जून 2017 को जारी हुआ। 47 हजार पदों पर तबादले के लिए महज 29835 आवेदक हैं। 10 माह बाद भी तबादला आदेश नहीं हुआ है। विवाहित महिला शिक्षक तब आवेदन कर पाई, जब वह कोर्ट पहुंची।
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