MADARASA, FAKE, BASIC SHIKSHA NEWS : सरकार की सख्ती से 76 हजार कम हो गए मदरसा बोर्ड के फर्जी छात्र, मदरसों में छात्रों व शिक्षकों की संख्या को लेकर घपला है जबरदस्त
मदरसा शिक्षा में मदरसों का फर्जीवाड़ा रुकना सरकार के मदरसा पोर्टल के कारण संभव हो सका है। इस बार बोर्ड में पिछले वर्ष की तुलना में 76 हजार कम छात्रों ने फार्म भरा है।
लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। यूपी बोर्ड सहित ज्यादातर सभी प्रचलित शिक्षा बोर्ड में जहां छात्र-छात्राओं की संख्या लगातार बढ़ रही है वहीं, यूपी मदरसा शिक्षा परिषद में छात्र संख्या लगातार कम हो रही है। इसका प्रमुख कारण मदरसा शिक्षा में मदरसों का फर्जीवाड़ा रुकना है। यह सरकार के मदरसा पोर्टल के कारण संभव हो सका है। इस बार मदरसा बोर्ड में पिछले वर्ष की तुलना में 76 हजार कम छात्रों ने परीक्षा के लिए फार्म भरा है।
दरअसल, मदरसों में छात्रों व शिक्षकों की संख्या को लेकर जबरदस्त घपला है। स्थिति यह है कि कई जिलों में मदरसे केवल कागजों में चल रहे हैं। मदरसा आधुनिकीकरण योजना में भी कई मदरसे ऐसे हैं जो फर्जी तरीके से कागजों में चल रहे हैं। छात्र संख्या भी कई मदरसों ने बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रखी थी। इन्हीं सब शिकायतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मदरसा पोर्टल तैयार किया है। इसमें सभी मदरसों से पंजीकरण कर सभी प्रकार की सूचनाएं अपलोड कराई गईं।
इसी के तहत करीब 18 हजार मदरसों ने पंजीकरण कर सूचनाएं अपलोड की हैं। एक हजार से अधिक मदरसे ऐसे हैं जिन्होंने पोर्टल पर पंजीकरण ही नहीं किया। सरकार ने मदरसा बोर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए मदरसा शिक्षा परिषद के फार्म भी ऑनलाइन भराने के निर्देश दिए थे। इस बार इसमें 2.95 लाख छात्रों ने फार्म भरा है। जबकि वर्ष 2017 में 3.71 लाख छात्रों ने फार्म भरा था। ऑनलाइन पोर्टल का ही नतीजा है कि मदरसों में होने वाला फजीवाड़ा काफी हद तक रुक गया है।
जन्मतिथि प्रमाण पत्र पाने के लिए भर देते थे फार्म
मदरसों का हाल यह था कि बहुत से छात्रों को फार्म इसलिए भरवा दिया जाता था ताकि उन्हें जन्मतिथि का प्रमाण पत्र मिल जाए। यूपी मदरसा शिक्षा परिषद की मान्यता यूपी बोर्ड सहित अन्य बोर्ड की तरह है इसलिए इसके प्रमाण पत्र की उपयोगिता बहुत है। यही वजह है कि कई मदरसा संचालक तो पैसे लेकर फार्म भरा देते थे। बाद में प्रमाण पत्र उन्हें सौंप देते थे। इस प्रमाण पत्र की ही बदौलत कई लोग तो पासपोर्ट तक बनवा लेते थे।
भाजपा सरकार में लगातार दूसरे साल कम हुए छात्र
प्रदेश में जब से भाजपा सरकार बनी है तब से लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की परीक्षा में फार्म भरने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है। वर्ष 2017 की परीक्षा में वर्ष 2016 की तुलना में 51 हजार कम छात्रों ने फार्म भरे थे। इस बार 76 हजार छात्र कम हो गए। छात्र संख्या में यह कमी सरकार की सख्ती के कारण आई है। वर्ष 2017 में जब सरकार बनी थी तो उस समय भी मदरसा शिक्षा में सख्ती की गई थी। इस बार यह सख्ती और हो गई। इससे छात्र संख्या में लगातार कमी हो रही है।
मदरसा बोर्ड में वर्ष वार छात्रों का विवरण
वर्ष छात्रों की संख्या
2018 295825
2017 371054
2016 422507
फर्जीवाड़ा नहीं चल पाएगा
मदरसा पोर्टल में सभी विवरण दर्ज होने के कारण फर्जी मदरसे सिस्टम से बाहर हो गए हैं। इस वर्ष करीब 76 हजार कम छात्रों ने फार्म भरा है। यूपी बोर्ड परीक्षा में सख्ती का भी असर मदरसा बोर्ड पर नजर आ रहा है। मदरसों का डेटाबेस बनने के कारण अब इसमें फर्जीवाड़ा नहीं चल पाएगा।
-राहुल गुप्ता (रजिस्ट्रार-उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद)
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