DEARNESS ALLOWANCE, BASIC SHIKSHA NEWS : सरकार ने महंगाई भत्ता 2% बढ़ाया, केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में ये बढ़ोत्तरी 1 जनवरी 2018 से लागू होगी, फिलहाल इन कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 5 फीसदी है जो बढ़कर 7 फीसदी हो जाएगा ।
एबीपी न्यूज, वेब डेस्क । नई दिल्लीः केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर आई है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा दिया गया है. कैबिनेट ने इसकी मंज़ूरी देते हुए केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 2 फीसदी बढ़ा दिया है.
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में ये बढ़ोत्तरी 1 जनवरी 2018 से लागू होगी. फिलहाल इन कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 5 फीसदी है जो बढ़कर 7 फीसदी हो जाएगा. बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता कर्मचारियों के पिछले भत्ते के साथ ही इस महीने के वेतन में जुड़कर आएगा.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ने का फायदा केंद्र के 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा.
Cabinet approves release of an additional installment of Dearness Allowance to Central Government employees and Dearness Relief to pensioners w.e.f. 01.01.2018 representing an increase of 2% over the existing rate of 5%.
— ANI (@ANI) March 7, 2018
आपको बता दें कि इससे पहले 12 सितंबर 2017 को केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता (डीए) एक प्रतिशत बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया था.
नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस। केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्र के 1.10 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता (डीए) पांच प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। बढ़ा हुआ डीए एक जनवरी 2018 से लागू होगा। बुधवार को जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने यह फैसला लिया है। डीए में दो फीसद की बढ़त के इस फैसले से 48.41 लाख केंद्रीय कर्मियों और 61.17 लाख पेंशनरों को फायदा होगा। इससे केंद्र के खजाने पर सालाना 6077.72 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। लेकिन जनवरी 2018 से फरवरी 2019 तक 14 माह के लिए यह बोझ 7090,68 करोड़ रुपये का होगा। यह बढ़ोतरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत की गई है।
मध्यस्थता व समझौता संशोधन बिल मंजूर
भारत को मजबूत वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) प्रणाली का केंद्र बनाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने मध्यस्थता और समझौता (संशोधन) विधेयक, 2018 को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से विवादों के निपटारे के लिए संस्थागत मध्यस्थता को बढ़ावा मिलेगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इस विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल की मदद से स्वतंत्र निकाय भारतीय मध्यस्थता परिषद (एसीआइ) के गठन का रास्ता खुलेगा। इसकी मदद से आर्थिक मामलों अदालत में जाए बगैर ही मध्यस्थों की त्वरित नियुक्ति हो सकेगी। यह प्रक्रिया अब की मध्यस्थता के मुकाबले अधिक सरल और सस्ती होगी।
जिलों में वाणिज्यिक अदालतें
केंद्रीय कैबिनेट ने मद्रास, दिल्ली, कलकत्ता, बांबे और हिमाचल हाईकोर्ट के तहत जिला स्तर पर वाणिज्यिक अदालतें स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कमर्शियल कोर्ट के प्रस्तावित बिल के संशोधन से व्यापारिक विवादों के निपटारे की रफ्तार बढ़ेगी। यह फैसला सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैकिंग सुधारने के लिए लिया है। साथ ही व्यापारिक विवाद की मौजूदा सीमा एक करोड़ रुपये से घटाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है।
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