UPTET, ALLAHABAD HIGHCOURT, BASIC SHIKSHA NEWS : UPTET परीक्षा में सिर्फ हाईकोर्ट गए अभ्यर्थियों को ही मिलेगा फायदा, यूपी-टीईटी परीक्षा के अगले चरण के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 5 फरवरी से बढाकर 12 फरवरी करने के आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को दिए
हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्ली । यूपी-टीईटी परीक्षा के अगले चरण के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 5 फरवरी से बढाकर 12 फरवरी करने के आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को दिए हैं। हालांकि न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि याचिका दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों को ही यह राहत प्रदान की जाएगी। वहीं टीईटी के उत्तरमाला विवाद पर अब महाधिवक्ता राज्य सरकार का पक्ष रखेंगे।
यह आदेश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की एकल सदस्यीय पीठ ने रिजवान व 103 अन्य समेत 28 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने न्यायालय से गुजारिश की कि मामले को आज के लिए टाल दिया जाए क्योंकि मामले में महाधिवक्ता सरकार का पक्ष रखेंगे और आज वह शहर से बाहर हैं। न्यायालय ने इस तथ्य पर गौर करते हुए कि टीईटी के अगले चरण की परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 5 फरवरी घोषित की जा चुकी है, सरकार को उक्त अंतिम तिथि बढाकर 12 फरवरी करने का आदेश दिया।
न्यायालय ने साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि बढी हुई अंतिम तिथि की राहत उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलेगी जिन्होंने याचिकाएं दाखिल की हैं। वहीं सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विशेषज्ञ कमेटी की उस रिपोर्ट के बारे में सरकार से पूछा जिनके आधार पर परीक्षा से सम्बंधित उत्तरमाला को सरकार द्वारा सही होने का दावा किया जा रहा है। न्यायालय ने कहा कि 12 जनवरी के आदेश के बावजूद अब तक रिपोर्ट क्यों नहीं दाखिल की गई। इस पर सरकार की ओर से सफाई दी गई कि अगली सुनवाई पर वह इसे पेश कर देगी। न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद प्रथम दृष्टया लगता है कि याचियों के दावे में बल है।
नई दिल्ली : UPTET परीक्षा सिर्फ हाईकोर्ट गए अभ्यर्थियों को ही मिलेगा फायदा
हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्ली । यूपी-टीईटी परीक्षा के अगले चरण के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 5 फरवरी से बढाकर 12 फरवरी करने के आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को दिए हैं। हालांकि न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि याचिका दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों को ही यह राहत प्रदान की जाएगी। वहीं टीईटी के उत्तरमाला विवाद पर अब महाधिवक्ता राज्य सरकार का पक्ष रखेंगे।
यह आदेश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की एकल सदस्यीय पीठ ने रिजवान व 103 अन्य समेत 28 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने न्यायालय से गुजारिश की कि मामले को आज के लिए टाल दिया जाए क्योंकि मामले में महाधिवक्ता सरकार का पक्ष रखेंगे और आज वह शहर से बाहर हैं। न्यायालय ने इस तथ्य पर गौर करते हुए कि टीईटी के अगले चरण की परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 5 फरवरी घोषित की जा चुकी है, सरकार को उक्त अंतिम तिथि बढाकर 12 फरवरी करने का आदेश दिया।
न्यायालय ने साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि बढी हुई अंतिम तिथि की राहत उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलेगी जिन्होंने याचिकाएं दाखिल की हैं। वहीं सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विशेषज्ञ कमेटी की उस रिपोर्ट के बारे में सरकार से पूछा जिनके आधार पर परीक्षा से सम्बंधित उत्तरमाला को सरकार द्वारा सही होने का दावा किया जा रहा है। न्यायालय ने कहा कि 12 जनवरी के आदेश के बावजूद अब तक रिपोर्ट क्यों नहीं दाखिल की गई। इस पर सरकार की ओर से सफाई दी गई कि अगली सुनवाई पर वह इसे पेश कर देगी। न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद प्रथम दृष्टया लगता है कि याचियों के दावे में बल है।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि उक्त याचिका में यूपी-टीईटी 2017 के परीक्षा से सम्बंधित उत्तर माला को चुनौती दी गई है। याचिकाओं में परीक्षा में पूछे गए कई प्रश्नों का मामला उठाया गया है। याचिकाओं में कहा गया है कि परीक्षा में 16 प्रश्न संशयात्मक हैं, पांच प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर के पूछे गए हैं और कुछ प्रश्न गाइडलाइंस के मुताबिक नहीं हैं।
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