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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

TEACHING QUALITY, ONLINE APPLICATION, TEACHER, ALLAHABAD HIGHCOURT : बेसिक शिक्षकों की भर्ती में देश भर के युवा कर सकेंगे आवेदन, हाईकोर्ट के फैसले के मद्देनजर कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन को दी मंजूरी

TEACHING QUALITY, ONLINE APPLICATION, TEACHER : बेसिक शिक्षकों की भर्ती में देश भर के युवा कर सकेंगे आवेदन, हाईकोर्ट के फैसले के मद्देनजर कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन को दी मंजूरी

लखनऊ । यूपी में अब बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक की नौकरी पाना आसान नहीं होगा। इसके लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी। प्रदेश सरकार ने भर्ती देश भर के युवाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। एनसीटीई डिग्री धारक किसी भी राज्य के हों, वे आवेदन कर सकेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी।

दूसरे राज्यों से डीएलएड वाले भी बेसिक शिक्षक बनने की दौड़ में हो सकेंगे शामिल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में एक और बड़ा फैसला हुआ है। अब दूसरे राज्यों से डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) या राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा समय-समय पर जारी की गईं अधिसूचनाओं में प्राथमिक शिक्षकों के लिए मान्य न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को हासिल करने वाले अभ्यर्थी भी प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में शामिल हो सकेंगे। इससे परिषदीय शिक्षकों के चयन में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। सरकार ने प्रदेश के किसी जिले से बीटीसी (अब डीएलएड) करने वाले अभ्यर्थी को उसी जिले में शिक्षक की नियुक्ति में प्राथमिकता देने की अनिवार्यता को भी समाप्त करने का फैसला किया है।

इसके लिए सरकार ने उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन किया गया है। दूसरे प्रदेशों से एनसीटीई द्वारा मान्य शैक्षिक अर्हता हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को प्रदेश में बेसिक शिक्षकों की भर्ती में शामिल होने का मौका देने का फैसला उच्च न्यायालय के आदेश पर किया गया है। वहीं अभी नियमावली के नियम 14 में प्रावधान है कि किसी जिले से बीटीसी/डीएलएड उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी को उसी जिले में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी। इस नियम में संशोधन करते हुए अब इस अनिवार्यता को खत्म किया गया है।

नियुक्ति में जिला वरीयता भी समाप्त, नियमावली में संशोधन की कैबिनेट की मंजूरी

सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट ने एक निर्णय में शिक्षकों की भर्ती में देश भर के पात्र युवाओं को मौका देने का निर्देश दिया था। कैबिनेट ने हाईकोर्ट के फैसले के मद्देनजर यूपी बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली-1981 में 21वें संशोधन को मंजूरी दे दी है।

वर्तमान में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए सिर्फ प्रदेश के डिग्रीधारक युवा ही आवेदन कर सकते हैं। लेकिन अब एनसीटीई की डिग्री मान्य कर दी गई है। इससे अब देश भर के एनसीटीई डिग्री धारक युवा प्रदेश की शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब जीएसटी से एक देश एक कर हो सकता है तो पात्रता रखने पर देश का नागरिक कहीं भी आवेदन कर सकता है। इससे जिले के लोगों को प्राथमिकता की व्यवस्था भी खत्म हो गई है।

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