INTERDISTRICT TRANSFER, BASIC SHIKSHA NEWS : ट्रांसफर की पैरवी से आजिज कर्मचारी ऑफिस में हुए कैद, बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में रोजाना लग रहा शिक्षकों का मेला, सचिव ने ऑफिस की दीवार पर लगाया तंग न करने का नोटिस
इलाहाबाद । सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों अंतर जनपदीय तबादले के लिए सिफारिशों ने बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के अफसर और बाबुओं को कैद कर दिया है। दूसरे चरण के ऑनलाइन आवेदन 15 फरवरी को समाप्त होने के बाद पैरवी करने वालों की इस कदर भीड़ लग रही है कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कार्यालय का दरवाजा बंद करके काम करना पड़ रहा हैं।
सचिव संजय सिन्हा ने कार्यालय के बाहर जगह-जगह नोटिस चस्पा करा दी है जिसमें लिखा है कि ‘अंतरजनपदीय स्थानान्तरण की प्रक्रिया ऑनलाइन है जो सॉफ्टवेयर आधारित है। इसमें किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं है। ऐसी स्थिति में परिषद कार्यालय के परिसर में स्थानान्तरण के संबंध में उपस्थित होकर कार्यालय का समय बर्बाद न करें। अन्यथा इस संबंध में कार्यालय परिसर में कोई अध्यापक/ अध्यापिका घूमते हुए पाये जाते हैं तो उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के लिए संबंधित बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित कर दिया जाएगा।’
नोटिस के बावजूद शिक्षक एवं उनके परिजन नहीं मान रहे हैं। मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए प्रत्येक बाबू की सीट पर वॉयस रिकॉर्डर से लैस सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। ताकि बेवजह किसी सीट पर भीड़ न हो और क्या बातचीत हो रही है इसकी जानकारी भी हो सके।
कम्प्यूटर से बनेगी लिस्ट, नहीं हो सकता हस्तक्षेप : अंतर जनपदीय तबादले की लिस्ट सॉफ्टवेयर के माध्यम से तैयार होनी है इसलिए किसी प्रकार का बाहरी हस्तक्षेप संभव नहीं है। शिक्षकों के सेवाकाल व तबादलेकी अन्य शर्तों के मुताबिक अंक दिए जाएंगे और उसी अंक के आधार पर जिस जिले का विकल्प दिया है उसका आवंटन होगा।
अराजक तत्व बिगाड़ रहे माहौल : सरकार के आदेश पर अंतर जनपदीय तबादले होने जा रहे हैं। पिछली बार 2016 के अंत में 18 हजार से अधिक शिक्षकों का ट्रांसफर हुआ था। इस बार भी बड़ी संख्या में तबादला होना है। इसी का फायदा उठाते हुए अराजक तत्व आवेदन करने वाले शिक्षकों को फोन करके ट्रांसफर करवाने का दावा कर रहे है। इसके नाम पर रुपयों की उगाही भी हो रही है। जिनका ट्रांसफर अपनेआप हो जाएगा उनको ये अराजक तत्व ठगने में कामयाब हो जाएंगे। जबकि हकीकत यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में किसी का भी हस्तक्षेप संभव नहीं है।
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