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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

UNIFORM DISTRIBUTION, BASIC SHIKSHA NEWS : परिषदीय छात्रों के स्वेटर खरीदने के लिए जिलावार अग्रिम धन आवंटित, प्रथम किस्त के रूप में प्रति छात्र-छात्र 100 रुपये भेजा, अनियमितता, आहरण, वितरण में गड़बड़ी पर कठोर कार्रवाई

UNIFORM DISTRIBUTION, BASIC SHIKSHA NEWS : परिषदीय छात्रों के स्वेटर खरीदने के लिए जिलावार अग्रिम धन आवंटित, प्रथम किस्त के रूप में प्रति छात्र-छात्र 100 रुपये भेजा, अनियमितता, आहरण, वितरण में गड़बड़ी पर कठोर कार्रवाई

इलाहाबाद । देर से ही सही परिषदीय विद्यालयों को छात्र-छात्रओं को निश्शुल्क स्वेटर उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्रवाई शुरू हुई है। शासनादेश जारी होने के तीसरे दिन ही सभी जिलों को प्रथम किस्त का अग्रिम धन का आवंटन कर दिया गया है, ताकि खरीद में विलंब न हो और वितरण जल्द से जल्द शुरू हो जाए। पहली किस्त में प्रति छात्र-छात्र 100-100 रुपये के हिसाब से एक अरब 54 करोड़ 23 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। प्रदेश के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले एक करोड़ 54 लाख 22 हजार 47 बच्चों को निश्शुल्क स्वेटर बांटा जाना है। दो दिन पहले ही शासन ने इसका इंतजाम सरकार की एजेंसी की बजाए विद्यालय स्तर पर ही करने के निर्देश हुए थे। शासन ने तेजी से कार्रवाई करते हुए स्वेटर खरीद की धनराशि की पहली किस्त भी जारी कर दी है। बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह की ओर से बीएसए को जारी निर्देश में कहा गया है कि इसका भुगतान सत्यापित बिलों के सापेक्ष ही किया जाएगा। किसी तरह की अनियमितता या फिर आहरण वितरण में गड़बड़ी पर कठोर कार्रवाई होगी। यह धनराशि किसी अन्य में किसी भी दशा में खर्च नहीं की जाएगी। हर जिले को उपयोगिता प्रमाणपत्र, सत्यापन और भुगतान से संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराए जाएंगे।

तुगलकी फरमान पर अमल मुश्किल बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उप्र की ओर से कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने स्वेटर वितरण को लेकर तुगलकी फरमान जारी किया है, जिस पर तय समय में अमल करना शिक्षकों के लिए मुश्किल होगा। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह यादव का कहना है कि जो कार्य सरकार तीन माह में नहीं कर सकी उसे शिक्षक एक माह में कैसे कर पाएंगे। इसी तरह से जब सरकार को 200 रुपये में अच्छे स्वेटर नहीं मिल सके हैं तो शिक्षक इतनी कम धनराशि पर अच्छा स्वेटर कहां खोजेंगे।

उन्होंने कहा है कि यह शिक्षकों को फंसाने की साजिश है, ताकि शिक्षकों पर कार्रवाई करके अफसर धन उगाही कर सकें। यही हाल ड्रेस वितरण में भी रहा है। इसीलिए तमाम जगहों पर गुणवत्ता को लेकर अंगुलियां उठ रही हैं। बोले, खरीद व वितरण का आदेश व्यावहारिक नहीं है, साथ ही गैर शैक्षणिक भी है। इसलिए सरकार गुणवत्तापूर्ण स्वेटर के लिए खुद एजेंसी का चुनाव करे और शिक्षकों को इससे मुक्त किया जाए। बैठक में पुष्पराज सिंह, नितिन यादव, रविकांत, मुकेश सिंह आदि थे।

कक्षा एक से आठ तक के एक करोड़ 54 लाख 22 हजार 47 बच्चों को बांटा जाना है निश्शुल्क
प्रथम किस्त के रूप में प्रति छात्र-छात्र 100-100 रुपये बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजा

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