SHIKSHAMITRA, SHIKSHAK BHARTI : 68,500 शिक्षक भर्ती के खिलाफ शिक्षामित्रों ने खोला मोर्चा, शिक्षामित्रों ने लिखित परीक्षा के आदेश में न्यायालय में चुनौती देने का ऐलान किया
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । 68,500 शिक्षक भर्ती का आदेश जारी होते ही शिक्षामित्रों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिक्षामित्रों ने लिखित परीक्षा के आदेश में न्यायालय में चुनौती देने का ऐलान किया है।
शिक्षामित्रों का आरोप है कि सरकार ने कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन करते हुए अध्यापक पात्रता परीक्षा के बाद लिखित परीक्षा में 45 फीसदी पासिंग मार्क का निर्धारण कर दिया है। इससे साफ है कि सरकार शिक्षामित्रों का पूरी तरह सफाया करना चाहती है। इस आदेश को उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि इससे शिक्षामित्रों को दिए जा रहे भारांक को अप्रत्यक्ष तरीके से खत्म कर दिया गया है।
शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है। राज्य सरकार ने तय किया है कि शिक्षक भर्ती में शिक्षामित्रों को आयु सीमा में छूट और भारांक दिया जाएगा। प्रतिवर्ष ढाई अंक और अधिकतम 25 अंक का भारांक दिया जाना है। शिक्षक भर्ती की मेरिट में 10-10 फीसदी दसवीं, बारहवीं, स्नातक व बीटीसी का और 60 फीसदी अंक लिखित परीक्षा के जोड़े जाएंगे। पहले सरकार कह रही थी कि पासिंग मार्क नहीं होगा लेकिन बाद में विशेषज्ञों ने इसमें पासिंग मार्क्स की अनिवार्यता कर दी है।
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