UPTET : UPTET 2017 के 20 हजार से अधिक परिणाम अवैध, भड़के अभ्यर्थी आज करेंगे घेराव, अभ्यर्थियों ने टीईटी रिजल्ट पर लगाया गड़बड़ी का आरोप ।
UPTET, RESULT : 20 हजार से अधिक परिणाम अवैध, भड़के अभ्यर्थी आज करेंगे घेराव, टीईटी परिणाम में गड़बड़ी का लगाया आरोप, कहा मानवी भूल पर नहीं रोका जा सकता रिजल्ट
टीईटी परिणाम में गड़बड़ी का लगाया आरोप, कहा मानवी भूल पर नहीं रोका जा सकता रिजल्ट
सचिव से करेंगे अभ्यर्थियों के हित में काम करने की मांग, ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी ।
अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का परिणाम इनवेलिड (अवैध) होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसमें 20 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के परिणाम के आगे इनवेलिड रजिस्ट्रेशन नंबर/रोल नंबर, इनवेलिड पार्ट-4, इनवेलिड बुकलेट नंबर प्रदर्शित हो रहा है। इतनी बड़ी संख्या में परिणाम अवैध होने से अभ्यर्थियों की नाराजगी बढ़ गई है और उन्होंने इसके खिलाफ 18 दिसंबर को सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के घेराव की तैयारी कर ली है।
टीईटी परीक्षा की उत्तरकुंजी जारी होने के बाद से परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर तरह-तरह के आरोप लग रहे हैं। कुछ प्रश्नों के उत्तरों पर आपत्ति करते हुए अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की, जिस पर अभी सुनवाई चल रही है। इस बीच शुक्रवार को प्राधिकारी कार्यालय ने टीईटी का परिणाम जारी किया। प्राथमिक स्तर एवं उच्च प्राथमिक स्तर के लिए क्रमश: तीन लाख 49 हजार 192 एवं छह लाख 27 हजार 568 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए थे। इसमें से क्रमश: दो लाख 76 हजार 636 एवं पांच लाख 31 हजार 712 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। शुक्रवार को परिणाम घोषित हुआ तो इसमें कुल 88863 अभ्यर्थी सफल हुए और परिणाम मात्र 11.11 प्रतिशत रहा।
परिणाम घोषित होने के बाद अभ्यर्थियों ने प्राधिकारी कार्यालय की वेबसाइट पर इसे देखा, जिसमें काफी अभ्यर्थियों का परिणाम अवैध घोषित कर दिया गया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि टीईटी का परिणाम गलत तरीके से निकाला गया, जिसमें अभ्यर्थियों की मानवी भूल केकारण अवैध कर दिया गया, जबकि सर्वोच्च अदालत ने एक मामले में आदेश दिया था कि मानवी भूल के लिए परिणाम नहीं रोका जा सकता। इसके खिलाफ अभ्यर्थी प्रतियोगी मोर्चा के अध्यक्ष शेर सिंह के नेतृत्व में सोमवार को दिन में 11 बजे प्राधिकारी सचिव का घेराव करेंगे। उनका कहना है कि सचिव से मिलकर अभ्यर्थियों के हित में काम करने की मांग की जाएगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
0 Comments