VACANCY : परिषदीय शिक्षक भर्ती में नहीं रहेगा लंबे जवाब देने का झंझट, लिखित परीक्षा में होंगे बहुविकल्पीय व अति लघु उत्तरीय प्रश्न, निकाय चुनाव के बाद शुरू होगी प्रक्रिया
👉 निकाय चुनाव बाद होगी भर्ती
👉 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने के बाद बनी जगह
👉 परिषदीय शिक्षक भर्ती में नहीं रहेगा लंबे जवाब देने का झंझट
👉 लिखित परीक्षा में होंगे बहुविकल्पीय व अति लघु उत्तरीय प्रश्न
लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग में 68 हजार पदों पर होने वाली प्राइमरी टीचर भर्ती के लिए तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए राहत की खबर है। इस भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा में उन्हें निबंध या दीर्घ उत्तरीय सवालों के जवाब नहीं देने होंगे। सूत्रों के अनुसार, परीक्षा में केवल बहुविकल्पीय प्रश्नों और अति लघु उत्तरीय सवालों के ही जवाब देने होंगे। टीईटी पास कर परीक्षा में शामिल होने वाले शिक्षामित्रों को तैयारी के लिए कुछ दिन की छुट्टी देने पर भी विचार हो रहा है। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह के अनुसार, जल्द ही प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
परीक्षा के लिए डायट प्राचार्यों व अन्य से सुझाव मांगे गए थे। इनमें यह सामने आया कि ढाई घंटे की परीक्षा में लंबे-चौड़े जवाब लिखने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाएगा। परीक्षा ओएमआर शीट पर होनी है। ऐसे में परीक्षा की तार्किकता और शुचिता पर सवाल उठ सकते हैं। इसके बाद तय किया गया कि परीक्षा में बहुविकल्पीय व अति लघु उत्तरीय प्रश्न ही रखे जाएं।
निकाय चुनाव बाद होगी भर्ती
शुक्रवार को निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी। ऐसे में दिसंबर के पहले सप्ताह तक चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी। वहीं, 15 अक्टूबर को आयोजित की गई यूपी-टीईटी का रिजल्ट आना भी बाकी है। इसलिए भर्ती की कवायद इसके बाद ही शुरू होगी। बेसिक शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जनवरी के पहले सप्ताह तक आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रक्रिया ऑनलाइन ही रखी जाएगी। पहले टीईटी पास अभ्यर्थियों को शैक्षणिक गुणांक के आधार पर भर्ती किया जाता था। अब बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन कर 60% वेटेज लिखित परीक्षा का और 40% वेटेज शैक्षिक गुणांक का जोड़ा गया है।
ढाई घंटे में नहीं दे सकते लंबे जवाब
स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) द्वारा तैयार किए गए प्रस्तावित प्रारूप में हिंदी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान के प्रश्नों के लिए 15-15 अंक, तार्किक ज्ञान के 10 और निबंध के लिए 20 अंक तय किए गए थे। सामान्य ज्ञान और शिक्षण कौशल के 30-30 अंक प्रस्तावित हैं। इसमें 150 अंकों की परीक्षा के लिए कुल ढाई घंटे का समय देने का प्रस्ताव रखा गया था।
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