PRESS NOTE : स्कूली बच्चों को जूते-मोजे व स्वेटर देने पर मुहर, मंगलवार को प्रदेश कैबिनेट ने कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए जूते-मोजे और स्वेटर खरीदने के लिए 300 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी।
टीम डिजिटल/अमर उजाला, लखनऊ । बेसिक स्कूल के बच्चों को आकर्षक ड्रेस और किताबें देने के साथ ही सरकार ने ठंडक शुरू होने से पहले जूते-मोजे और स्वेटर देने की तैयारी तेज कर दी है। मंगलवार को प्रदेश कैबिनेट ने कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए जूते-मोजे और स्वेटर खरीदने के लिए 300 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि योगी सरकार ने बेसिक स्कूल के बच्चों को पब्लिक स्कूल की तरह विकसित करने का काम शुरू किया है। सरकार गठित होते ही बच्चों को यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई गई। नि:शुल्क किताबें वितरित की गई। अब कैबिनेट ने जूते-मोजे और स्वेटर देने की कार्ययोजना को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने बताया कि 135.75 रुपये में जूते और 21.50 रुपये में मोजे मिलेंगे। स्वेटर के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इसके भी दाम तय हो जाएंगे।इस कार्य पर 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एक करोड़ 48 लाख 49 हजार 145 विद्यार्थियों को जूते-मोजे और स्वेटर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जाड़ा शुरू होने से पहले बच्चों को जूते-मोजे व स्वेटर दिलाने की तैयारी है।
स्कूली बच्चों को जूता-मोजा और स्वेटर, इस साल के नवंबर में मिल जाएंगी बच्चों को राज्य सरकार की यह सौगातें, सरकारी योजनाओं का लाभ पाने को आधार अनिवार्य
राज्य ब्यूरो, लखनऊ । परिषदीय स्कूलों के सभी बच्चों को मुफ्त में जूता-मोजा और स्वेटर देने की योगी सरकार की पूर्व घोषणा पर मंगलवार को कैबिनेट की मुहर लग गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में हुई कैबिनेट बैठक में परिषदीय स्कूलों में पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक के 1,48,49,145 बच्चों को चालू शैक्षिक सत्र में एक जोड़ी जूता, दो जोड़ी मोजा और एक स्वेटर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गईं। परिषदीय स्कूलों के बच्चों को मिड-डे मील के अलावा सरकार की ओर से मुफ्त में किताबें, यूनीफॉर्म और बैग दिए जाने की व्यवस्था थी लेकिन, उन्हें सरकार की ओर से जूता-मोजा और स्वेटर पहली बार मिलेगा।
कैबिनेट की बैठक में चार फैसले हुए। फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने परिषदीय स्कूलों के सभी बच्चों को निशुल्क जूता-मोजा और स्वेटर मुहैया कराने की घोषणा की थी। उस घोषणा को अमली जामा पहनाने के लिए कैबिनेट ने यह फैसला किया है। यह भी कहा कि बच्चों को नवंबर में जूता-मोजा और स्वेटर मुहैया करा दिया जाएगा। शैक्षिक सत्र 2017-18 में बच्चों को जूता-मोजा और स्वेटर मुहैया कराने के लिए बजट में करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। बच्चों को दिए जाने वाले एक जोड़ी जूते की कीमत जहां 135.75 रुपये है, वहीं एक जोड़ी मोजे का मूल्य 21.85 रुपये है। बच्चों को जूता-मोजा उपलब्ध कराने पर 266.53 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जूते-मोजे के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। वहीं स्वेटर की आपूर्ति के लिए ई-टेंडर होगा जिसकी प्रक्रिया जारी है। विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने लोक कल्याण संकल्प पत्र में घोषणा की थी कि सत्ता में आने पर वह कक्षा 12 तक गरीब परिवारों से आए छात्र-छात्रओं को सभी पुस्तकें, यूनीफॉर्म, जूते और स्कूल बैग मुफ्त में देगी।
योगी आदित्यनाथ सरकार की पूर्व घोषणा पर कैबिनेट ने लगाई मुहर
एक जोड़ी जूता, दो जोड़ी मोजा व एक स्वेटर मिलेंगे हर छात्र को
करोड़ के करीब बच्चों को मिलेगा इसका सीधा लाभरुपये एक जोड़ी जूते की कीमत की गई है निर्धारितरुपये एक जोड़ी मोजे का मूल्य निर्धारित किया गया
करोड़ की व्यवस्था इसके लिए की गई है बजट मेंराब्यू, लखनऊ : प्रदेश में सरकारी योजनाओं के जरिये पेंशन, छात्रवृत्ति, सब्सिडी का लाभ पाने के लिए अब आधार कार्ड जरूरी होगा। लाभार्थियों के बैंक खाते का उनके आधार से लिंक होना अनिवार्य होगा। सरकारी योजनाओं के लाभ को आधार से लिंक करने को कानूनी जामा पहनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में ‘द उत्तर प्रदेश आधार (टारगेटेड डिलिवरी ऑफ फाइनेंशियल एंड अदर सब्सिडीज, बेनिफिट्स एंड सर्विसेज) बिल-2017’ के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इस बिल के दायरे में वृद्धावस्था व विकलांग पेंशन, छात्रवृत्ति आदि से जुड़ी सभी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम आएंगी। इनके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से जुड़े लाभ देने वाली योजनाएं भी इस बिल के दायरे में आएंगी जिसमें सरकार लाभार्थियों को नकद धनराशि तो नहीं देती लेकिन अनाज, चीनी, मिट्टी के तेल आदि के रूप में लाभ देती है। लाभार्थियों के बैंक खाते आधार से लिंक होने के बाद ऐसी योजनाओं की निगरानी और अकाउंटिंग में मदद मिलेगी। यह योजनाओं में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में भी सहायक होगा। वहीं आशा बहुओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं जैसे संविदा कर्मचारियों को भी ठेकेदारों के शोषण से मुक्ति मिलेगी।
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