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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

ALLAHABAD HIGHCOURT, PENSION : सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को भारी पड़ी गलत बयानी, पेंशन विवाद, हाईकोर्ट में गलत सूचना देने पर तलब किए गए

ALLAHABAD HIGHCOURT, PENSION : सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को भारी पड़ी गलत बयानी, पेंशन विवाद, हाईकोर्ट में गलत सूचना देने पर तलब किए गए

ब्यूरो/अमर उजाला, इलाहाबाद । सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को हाईकोर्ट में गलत बयानी करना महंगा पड़ गया। मांगी गई जानकारी देने के बजाय दूसरी सूचना देने पर हाईकोर्ट ने उनको तलब कर लिया है। मामला बेसिक शिक्षा विभाग में पेंशन विवाद का है। अप्रशिक्षित अध्यापकों की पेंशन के विवाद को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हैं। कोर्ट ने विभाग से इन याचिकाओं की जानकारी मांगी थी। इसके बजाए सचिव ने विभाग में दाखिल अर्जियों की संख्या कोर्ट में बता दी। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव को हलफनामे के साथ याचिकाओं की संख्या बताने और अगली सुनवाई पर हाजिर रहने का निर्देश दिया है।

वाराणसी के महेश प्रसाद और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी ने यह आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी। याची के अधिवक्ता का कहना था कि याचीगण पुरानी पेंशन पाने के हकदार हैं, क्योंकि उनका जीपीएफ 2009 तक काटा गया है। जबकि सरकार का कहना है कि मृतक आश्रित कोटे के तहत अप्रशिक्षित अध्यापकों को स्थायी नियुक्ति देने का निर्णय 15 नवंबर 2011 मेें लिया गया। जो लोग एक अप्रैल 2005 से काम कर रहे हैं, उनको नई पेंशन मिलेगी वह पुरानी पेंशन पाने के हकदार नहीं हैं। इसी एक प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट में सैकड़ों याचिकाएं लंबित हैं।

कोर्ट का मत था कि एक ही विषय होने के कारण सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होनी चाहिए। इसलिए सभी लंबित याचिकाओं की सूची मांगी गई। इसके जवाब में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा की ओर से दाखिल हलफनामे में बताया गया कि विभाग में मृतक आश्रित कोटे के तहत 1020 अर्जियां अभी लंबित हैं। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि परिषद मांगी गई सूचना देने के बजाए दूसरी सूचना दे रहा है। इसके लिए उस पर हर्जाना लगाया जाना चाहिए। इस स्पष्टीकरण के साथ अगली सुनवाई पर सचिव को तलब किया है।

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