SHIKSHAMITRA : योगी कैबिनेट के फैसले से नाखुश शिक्षा मित्र, सरकार ने पौने दो लाख शिक्षामित्रों के हितों के साथ खिलवाड़ कर न्याय नहीं किया
शिक्षक भर्ती पर आए कैबिनेट के ताजा फैसले पर शिक्षामित्रों ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में शिक्षामित्रों के हितों का ध्यान रखने का वादा किया था, ऐसे में नए नियम बनाकर शिक्षामित्रों की राह मुश्किल कर रही है।
शिक्षामित्रों ने ऐलान किया है कि वे इस लिखित परीक्षा वाले निर्णय को न्यायालय में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है जिसमें माध्यमिक से लेकर बेसिक स्कूलों तक के शिक्षक शामिल होंगे। इसके लिए कई शिक्षक विधायकों से बात चल रही है। सरकार ने पौने दो लाख शिक्षामित्रों के हितों के साथ खिलवाड़ कर न्याय नहीं किया।
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा है कि शिक्षकों की भर्ती लिखित परीक्षा से करने का फैसला कर भाजपा सरकार ने साफ कर दिया कि वह शिक्षामित्रों का भला नहीं चाहती। भाजपा सरकार चाहती ही नहीं कि शिक्षामित्र अध्यापक बनें।
वहीं दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने भी ऐतराज जताते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने ये निर्णय लेकर शिक्षामित्रों को मौत के मुंह में ढकेल दिया है। शिक्षामित्र पहले ही कोर्ट के फैसले के कारण निराशा में थे और अब सरकार ने उन्हें दोहरे तरीके से मारा है। न सिर्फ टीईटी बल्कि अब लिखित परीक्षा का भी दबाव है।
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