SHIKSHAMITRA : शिक्षामित्रों का यही रवैया रहा तो देखेंगे दूसरा विकल्प - श्रम एवं सेवायोजन मंत्री और जिले प्रभारी मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री और जिले प्रभारी मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने शिक्षामित्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा अगर शिक्षामित्रों ने रवैया नहीं बदला तो मान लिया जाएगा कि शिक्षामित्र अपनी भूमिका अदा करने को तैयार नहीं है। सरकार कोई न कोई दूसरा विकल्प निकालेगी। वैसे हमारी सरकार ने शिक्षामित्रों को 3500 रुपए से 10 हजार देने का काम किया है। अभी शिक्षामित्रों को नियुक्ति का दरवाजा खुला हुआ है। इन्हे अध्यापक बनने की प्रत्याशा में कुछ महीने काम करना चाहिए और तैयारी के साथ शिक्षक पद की नियुक्ति के लिए प्रयास करना चाहिए।
योगी सरकार द्वारा वीआईपी कल्चर को खत्म करने के बाद ऋण मोचन कार्यक्रम में पांच हजार किसानों के नीचे 25 पंखे और मंच पर छह पंखे और दो एसी लगाए जाने के सवाल पर कहा। किसान 24 घंटे खून पसीना धूप में जलाता है। उसे गर्मी मायने नहीं रखती है। किसानों को सम्मान चाहिए वो प्रदेश सरकार देने का काम कर रही है। हम लोग हर चीज को व्यवारिक रूप में ला रहे है। हम लोग गाल नहीं बजाते है जो कहते है वो कर दिखाते हैं। ड्रेस वितरण में ठेकेदारी के सवाल पर कहा जो व्यवथा पहले से चली आ रही है उसमें बदलाव किया जाएगा।
हमारा उद्देश्य बच्चों को बढ़िया क्लालिटी की ड्रेस उपलब्ध कराना है। भ्रष्टाचार के सवाल पर कहा अभी सरकार को छह महीने भी नहीं हुए है। जो भ्रष्टाचारी है वह नपेंगे। भाजपा ने सरकार बनने से पूर्व अपने संकल्प पत्र में कर्जमाफी का वादा किया था। जिसे पूरा कर दिखाया है।
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