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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SHIKSHAK BHARTI : नए सिरे से शिक्षक भर्ती पर मंथन, 72825 भर्ती के रिक्त 6170 पदों पर नियुक्ति का मामला, भर्ती अब तक पूरी नहीं

SHIKSHAK BHARTI : नए सिरे से शिक्षक भर्ती पर मंथन, 72825 भर्ती के रिक्त 6170 पदों पर नियुक्ति का मामला, भर्ती अब तक पूरी नहीं

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 72825 शिक्षकों की भर्ती अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इस भर्ती के रिक्त पदों को नये सिरे से भरने पर शासन व न्याय विभाग में मंथन चल रहा है। असल में शीर्ष कोर्ट ने बीते 25 जुलाई को निर्देश दिया था कि इन पदों के लिए अलग से विज्ञापन जारी किया जाए। साथ ही कोर्ट ने टीईटी मेरिट पर भर्ती करने पर सवाल उठाए थे। अब न्याय विभाग की रिपोर्ट का शासन को इंतजार है उसकी संस्तुति के अनुरूप अगला कदम उठाया जाएगा।

परिषद के प्राथमिक स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती 2011 करीब छह वर्षो तक गतिमान रही है। इतने लंबे समय तक प्रक्रिया चलने के बाद भी सभी रिक्त पद भरे नहीं जा सके हैं। बीते 25 जुलाई को शीर्ष कोर्ट की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि 66555 पद भरे जा चुके हैं, बाकी 6170 पदों पर भर्ती होना है। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुनवाई के दौरान के कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा अभ्यर्थियों की अर्हता परीक्षा है इसकी मेरिट के आधार पर भर्ती ठीक नहीं है, हालांकि भर्ती हो चुके शिक्षकों को प्रभावित न करने का भी निर्देश दिया गया। कोर्ट ने शेष पदों को नये सिरे से विज्ञापन जारी करके भरने को कहा है। ऐसे में इस भर्ती की गुत्थी उलझ गई है कि आगे की भर्ती टीईटी मेरिट पर ही पूरी की जाए या फिर एकेडमिक मेरिट को प्रभावी माना जाए। हालांकि सूत्र कहते हैं कि भर्ती के बीच में नियमावली में बदलाव नहीं हो सकता है, भले ही नया विज्ञापन जारी हो, लेकिन नियमावली पुरानी ही रहेगी।

शासन ने इस मामले में न्याय विभाग से रिपोर्ट मांगी है और उसके निर्देश पर ही आगे बढ़ने की योजना है। वहीं, यह भर्ती करा रहे एससीईआरटी ने भी शासन को पहले ही प्रस्ताव भेजा है। इस भर्ती के अभ्यर्थी भी लगातार दबाव बनाए हैं, जल्द ही इस पर निर्णय होने की उम्मीद है।

251 और अभ्यर्थियों की नियुक्ति फंसी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 72825 शिक्षक भर्ती में 95 उन नियुक्तियों पर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है, जो 30 नवंबर 2011 के विज्ञापन के समय आवेदक ही नहीं थे। साथ ही सूबे में 251 और ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनकी नियुक्ति में शीर्ष कोर्ट की ओर से तय निर्देशों का अनुपालन नहीं हुआ है। इनमें सामान्य वर्ग के 80 व अन्य वर्ग के 171 अभ्यर्थी हैं। इनमें से ज्यादातर वह अभ्यर्थी हैं, जिन्हें याची के आधार पर नियुक्ति मिली है। अधिवक्ता विनय कुमार का कहना है कि विभाग ने तय मानकों का पालन न करके यह नियुक्तियां दी हैं इसलिए उनकी नियुक्ति पर संकट आ सकता है।

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