PROTEST, PRERAK : शिक्षक दिवस पर साक्षरता प्रेरकों पर पुलिस से चलाई लाठियां, बकाया भुगतान की मांगों को लेकर विधान भवन के सामने कर रहे थे प्रदर्शन, कई चोटिल
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता शिक्षक दिवस पर मंगलवार को विधान भवन के पास पुलिस ने साक्षरता प्रेरकों पर जमकर लाठियां बरसाईं। आदर्श साक्षरता कर्मी वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले यह प्रेरक ढ़ाई साल से बकाया मानदेय दिए जाने की मांग को लेकर यहां पहुंचे थे। पुलिस ने प्रदेश भर से आए इन प्रेरकों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इससे सड़क पर भगदड़ मच गई। लाठी चलने से दर्जनों प्रेरक बुरी तरह से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस की कार्रवाई के प्रेरकों ने घोषणा की है कि यदि राज्य सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तो जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। भीड़ रोकने के लिए चलाई लाठियां : भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने बर्लिग्टन चौराहे पर पहुंचे साक्षरता प्रेरकों पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे वहां भगदड़ मच गई। प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र यादव के मुताबिक लाठी चार्ज में अमरजीत सिंह, सुधा, सुषमा मौर्या, सीमा, पुष्पा देवी, अनामिका, सुशील कुमार, अरविंद कुमार सहित दर्जनों शिक्षा प्रेरक घायल हुए हैं। भगदड़ की चपेट में आने से राहगीरों के भी चोटें आई। वरिष्ठ बांट माप निरीक्षक राजन कुमार सिंह के पैर में चोट आई। शिक्षा प्रेरक बृजेंद्र सिंह, जय प्रकाश, आनंद चौबे ने बताया कि हमसे आठ घंटे रोज काम लिया जाता है, लेकिन दो हजार रुपए महीने का मानदेय भी दो साल से ज्यादा समय से नहीं मिला। विभाग पैसा देता नहीं है और काम अलग से ले रहा। इस दौरान कोई छुट्टी भी नहीं दी जाती।
10 जुलाई से चल रहा है विरोध प्रदर्शन : मानदेय न मिलने से नाराज शिक्षा प्रेरक बीते 10 जुलाई से लक्ष्मण मेला मैदान में धरने पर बैठे हैं। मांगों पर कोई कार्रवाई न होते देख हुए प्रदेश भर के सैकड़ों साक्षरता प्रेरक मंगलवार को विधानसभा घेरने के लिए चारबाग में इकट्ठा हुए। उसके बाद नारेबाजी करते हुए साक्षरता प्रेरक विधानसभा की ओर बढ़ने लगे। इस दौरान भीड़ देखकर पुलिस प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। वर्ष 2011 में रखे गए साक्षरता प्रेरक साक्षरता निदेशालय की ओर से 15 से ऊपर आयु वर्ग के लोगों को शिक्षित करने के लिए वर्ष 2011 में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर लोक शिक्षा केंद्र स्थापित किए गए थे। इसमें दो-दो प्रेरक को शिक्षित करने की जि मेदारी दी गई। प्रत्येक प्रेरक को इसके एवज में दो हजार रुपए प्रति माह मानदेय भी दिए जाने का प्रावधान किया गया। आदर्श लोक शिक्षा प्रेरक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र यादव ने बताया कि ढाई साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी प्रेरकों को मानदेय का एक पैसा नहीं दिया गया। जबकि उनसे बीएलओ, सर्वे से लेकर सभी काम करवाए जा रहे।
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