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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

PROTEST, AGITATION : शासन ने सोमवार को शिक्षामित्र संगठनों के प्रतिनिधियों से साफ कहा कि शिक्षामित्र अपना आंदोलन वापस लेकर स्कूलों में पढ़ाना शुरू कर दें तो सरकार उन्हें राहत देने पर कर सकती है विचार

PROTEST, AGITATION : शासन ने सोमवार को शिक्षामित्र संगठनों के प्रतिनिधियों से साफ कहा कि शिक्षामित्र अपना आंदोलन वापस लेकर स्कूलों में पढ़ाना शुरू कर दें तो सरकार उन्हें राहत देने पर कर सकती है विचार

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शासन ने सोमवार को शिक्षामित्र संगठनों के प्रतिनिधियों से साफ कहा कि यदि शिक्षामित्र अपना आंदोलन वापस लेकर स्कूलों में पढ़ाना शुरू कर दें तो सरकार उन्हें राहत देने पर विचार कर सकती है। कानूनी विशेषज्ञों से मिली राय के आधार पर शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों से यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि सरकार इस मामले में रिव्यू के लिए सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी।

सोमवार को आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन, उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ और उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के पदाधिकारियों की अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह के साथ बैठक हुई। अपर मुख्य सचिव ने प्रतिनिधियों से कहा कि यदि शिक्षामित्र अपना आंदोलन खत्म कर दें तो सरकार उन्हें शिक्षकों की भर्ती में उनके सेवा अनुभव के आधार पर वेटेज देने के लिए नियमावली में संशोधन करेगी। उन्होंने शिक्षामित्रों को सरकार की ओर से दस हजार रुपये मासिक मानदेय दिये जाने का प्रस्ताव रखा। यह भी कहा कि शिक्षामित्रों के पास अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने के लिए दो मौके हैं। वह शासन स्तर पर प्रयास करेंगे कि शिक्षामित्रों को टीईटी उत्तीर्ण करने के लिए दो से ज्यादा मौके भी मिल सकें। संगठनों के कुछ पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय में नहीं जाना चाहते हैं।

इस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यदि शिक्षामित्र उन विद्यालयों में ही बने रहना चाहते हैं, जिनमें उनका समायोजन हुआ है तो इस पर शासन को कोई आपत्ति नहीं होगी।

वहीं समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग पर अड़े शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों ने शासन की दस हजार रुपये मासिक मानदेय देने की पेशकश ठुकरा दी है। उनका कहना था कि चूंकि शिक्षामित्र भी स्थायी शिक्षकों की तरह प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं, इसलिए वे भी शिक्षक का वेतन पाने के हकदार हैं। संगठनों के पदाधिकारियों की ओर से शिक्षामित्रों के लिए विशेष टीईटी आयोजित कराने की मांग की गई। इस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विशेष टीईटी का आयोजन संविधान में सभी के लिए समान अवसर के सिद्धांत के खिलाफ होगा। बैठक के बाद आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही और उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने बताया कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शासन ने सोमवार को शिक्षामित्र संगठनों के प्रतिनिधियों से साफ कहा कि यदि शिक्षामित्र अपना आंदोलन वापस लेकर स्कूलों में पढ़ाना शुरू कर दें तो सरकार उन्हें राहत देने पर विचार कर सकती है। कानूनी विशेषज्ञों से मिली राय के आधार पर शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों से यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि सरकार इस मामले में रिव्यू के लिए सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी।

सोमवार को आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन, उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ और उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के पदाधिकारियों की अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह के साथ बैठक हुई। अपर मुख्य सचिव ने प्रतिनिधियों से कहा कि यदि शिक्षामित्र अपना आंदोलन खत्म कर दें तो सरकार उन्हें शिक्षकों की भर्ती में उनके सेवा अनुभव के आधार पर वेटेज देने के लिए नियमावली में संशोधन करेगी। उन्होंने शिक्षामित्रों को सरकार की ओर से दस हजार रुपये मासिक मानदेय दिये जाने का प्रस्ताव रखा। यह भी कहा कि शिक्षामित्रों के पास अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने के लिए दो मौके हैं। वह शासन स्तर पर प्रयास करेंगे कि शिक्षामित्रों को टीईटी उत्तीर्ण करने के लिए दो से ज्यादा मौके भी मिल सकें। संगठनों के कुछ पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय में नहीं जाना चाहते हैं।

इस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यदि शिक्षामित्र उन विद्यालयों में ही बने रहना चाहते हैं, जिनमें उनका समायोजन हुआ है तो इस पर शासन को कोई आपत्ति नहीं होगी।

वहीं समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग पर अड़े शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों ने शासन की दस हजार रुपये मासिक मानदेय देने की पेशकश ठुकरा दी है। उनका कहना था कि चूंकि शिक्षामित्र भी स्थायी शिक्षकों की तरह प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं, इसलिए वे भी शिक्षक का वेतन पाने के हकदार हैं। संगठनों के पदाधिकारियों की ओर से शिक्षामित्रों के लिए विशेष टीईटी आयोजित कराने की मांग की गई। इस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विशेष टीईटी का आयोजन संविधान में सभी के लिए समान अवसर के सिद्धांत के खिलाफ होगा। बैठक के बाद आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही और उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने बताया कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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  1. 📌 PROTEST, AGITATION : शासन ने सोमवार को शिक्षामित्र संगठनों के प्रतिनिधियों से साफ कहा कि शिक्षामित्र अपना आंदोलन वापस लेकर स्कूलों में पढ़ाना शुरू कर दें तो सरकार उन्हें राहत देने पर कर सकती है विचार
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2017/08/protest-agitation.html

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