CM, MEETING : सीएम से मिले शिक्षामित्र आंदोलन किया स्थगित, सीएम ने शिक्षामित्रों से कहा हिंसा का मार्ग अपनाकर आप सहानुभूति खो देंगे, प्रदेश के समायोजित शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर बनाये रखते हुए उन्हें वेतन आदि की सुविधाएं यथावत
राब्यू, लखनऊ : शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप लोग सड़क पर आंदोलन और तोड़फोड़ करें और अपनी समस्या के समाधान के लिए शासन से वार्ता भी करें, यह दोनों बातें एक साथ नहीं चलेंगी। उन्होंने कहा कि मैं विधानमंडल सत्र के दौरान दोनों सदनों के अंदर और बाहर भी कह चुका हूं कि शिक्षामित्रों से सरकार की पूरी सहानुभूति है। आज आपसे फिर कह रहा हूं। उपद्रव और ¨हसा का मार्ग अपनाकर आप सहानुभूति खो देंगे।
सरकार आपकी व्यथा को समझती है और शिक्षामित्रों को राहत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में ऐसा समाधान ढू़ंढ़ने की कोशिश करेगी जो कानून की कसौटी पर भी खरा हो। लिहाजा शिक्षामित्र अपना आंदोलन छोड़कर बुधवार से स्कूलों में पढ़ाना शुरू करें। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की गलती की वजह से ही शिक्षामित्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
शिक्षामित्रों की मांगें : इससे पहले शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को अपना प्रत्यावेदन सौंपा जिसमें मांग की गई कि सरकार अध्यादेश लाकर ऐसा कानून बनाये, जिससे कि शिक्षामित्र सहायक अध्यापक बने रहें। नया अध्यादेश लाये जाने तक प्रदेश के समायोजित शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर बनाये रखते हुए उन्हें वेतन आदि की सुविधाएं दी जाएं। समायोजित शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के समकक्ष वेतनमान पर शिक्षा सहायक जैसे पद सृजित कर समायोजित किया जाए।
राब्यू, लखनऊ : शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप लोग सड़क पर आंदोलन और तोड़फोड़ करें और अपनी समस्या के समाधान के लिए शासन से वार्ता भी करें, यह दोनों बातें एक साथ नहीं चलेंगी। उन्होंने कहा कि मैं विधानमंडल सत्र के दौरान दोनों सदनों के अंदर और बाहर भी कह चुका हूं कि शिक्षामित्रों से सरकार की पूरी सहानुभूति है। आज आपसे फिर कह रहा हूं। उपद्रव और ¨हसा का मार्ग अपनाकर आप सहानुभूति खो देंगे।
सरकार आपकी व्यथा को समझती है और शिक्षामित्रों को राहत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में ऐसा समाधान ढू़ंढ़ने की कोशिश करेगी जो कानून की कसौटी पर भी खरा हो। लिहाजा शिक्षामित्र अपना आंदोलन छोड़कर बुधवार से स्कूलों में पढ़ाना शुरू करें। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की गलती की वजह से ही शिक्षामित्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
शिक्षामित्रों की मांगें : इससे पहले शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को अपना प्रत्यावेदन सौंपा जिसमें मांग की गई कि सरकार अध्यादेश लाकर ऐसा कानून बनाये, जिससे कि शिक्षामित्र सहायक अध्यापक बने रहें। नया अध्यादेश लाये जाने तक प्रदेश के समायोजित शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर बनाये रखते हुए उन्हें वेतन आदि की सुविधाएं दी जाएं। समायोजित शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के समकक्ष वेतनमान पर शिक्षा सहायक जैसे पद सृजित कर समायोजित किया जाए।
हरहु नाथ मम संकट भारी । बातचीत के दौरान शिक्षामित्र प्रतिनिधियों में से एक ने मुख्यमंत्री के सामने हाथ जोड़कर श्री रामचरित मानस के सुंदरकांड की चौपाई सुनाते हुए विनती की -‘दीनदयाल बिरिदु संभारी,हरहु नाथ मम संकट भारी।’
सरकार निकालेगी शिक्षामित्र मामले में रास्ता : राज्यपाल
जासं, मैनपुरी : राज्यपाल राम नाईक के आश्वासन ने मंगलवार को शिक्षामित्रों को कुछ राहत दी। उन्होंने कहा कि सरकार को उच्चतम न्यायालय के निर्णय को व्यवहार में लाना पड़ेगा, लेकिन सरकार ने कोई न कोई रास्ता निकालने की बात कही है। यह बात मंगलवार को असरगढ़ी स्थित एसएस ग्रुप ऑफ एजूकेशनल के वार्षिकोत्सव में शिरकत करने के बाद पत्रकारों से कही।
शिक्षामित्रों का अर्धनग्न प्रदर्शन, भिक्षाटन कर मांगा हक
इलाहाबाद : समायोजन रद होने से शिक्षामित्र गम और गुस्से में हैं। इसका इजहार कार्य बहिष्कार करके आंदोलन के जरिये हो रहा है। कहीं अर्धनग्न प्रदर्शन हुआ तो कहीं भिक्षाटन करके हक मांगा जा रहा है। इलाहाबाद मंडल के प्रतापगढ़ में कचहरी में चल रहे प्रदर्शन के दौरान पांच महिला शिक्षामित्र बेहोश हो गईं।
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📌 CM, MEETING : सीएम से मिले शिक्षामित्र आंदोलन किया स्थगित, सीएम ने शिक्षामित्रों से कहा हिंसा का मार्ग अपनाकर आप सहानुभूति खो देंगे, प्रदेश के समायोजित शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर बनाये रखते हुए उन्हें वेतन आदि की सुविधाएं यथावत
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