RETIREMANT : पचास साल की उम्र में कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति देने के सरकारी फरमान का विरोध शुरु
इलाहाबाद । पचास साल की उम्र में कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति देने के सरकारी फरमान का विरोध शुरु हो गया है। मंगलवार को विकास भवन में कर्मचारियों ने सरकार के इस आदेश को उत्पीड़न करार देते हुए विरोध प्रदर्शन किया। ऐलान किया कि जब तक सरकार इस आदेश को वापस नही लेती है तब तक कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। यह प्रदर्शन सोमवार को भी किया गया था। विकास भवन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष नरसिंह ने कहा कि इस तुगलकी फरमान पर जिले भर के कर्मचारी एकजुट हो चुके हैं। जिला मंत्री त्रिवेणी प्रसाद ने कहा कि अगर पचास साल में कर्मचारियों को रिटायर कर दिया जाएगा तो यह कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। इस मौके पर संदीप तिवारी, मनोज श्रीवास्तव, राजेंद्र त्रिपाठी, राम चंद्र यादव,राजवीर यादव, आलोक सिंह, कमलाकांत सोनकर आदि रहे।
मांगों को लेकर गरजे वाणिज्यकर कर्मी : कैडर रिवूव, 50 वर्ष पर सेवानिवृति, इंस्पेक्टर के पद सृजित करने, लिपिक संवर्ग में कार्य आवंटन की मांग को लेकर वाणिज्यकर विभाग के कर्मियों ने अपनी आवाज बुलंद की। प्रदेश स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा गठित संयुक्त कमेटी के दिए गए आंदोलन को लेकर सिविल लाइंस स्थित वाणिज्यकर कार्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों ने बैठक की। वाणिज्यकर मिनिस्टियल स्टाफ एसोसिएशन के शाखा अध्यक्ष राम बाबू यादव ने कहा कि हमें जीएसटी में इंस्पेक्टर का पद दिया जाए। यह भी कहा कि अन्य राज्यों में जो व्यवस्था लिपिकों के कार्य करने के लिए की गई है। वही व्यवस्था उत्तर प्रदेश में भी लागू की जाए। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक कर्मचारी चुप्प होकर नहीं बैठेंगे।
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