PROTEST : योगी के आश्वासन के बाद भी नहीं माने शिक्षामित्र, आंदोलन जारी
लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट फैसले के बाद प्रदेशभर में शिक्षामित्र लगातार चौथे दिन आंदोलनरत है। शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों को हल निकालने का आश्वासन दिया था। इसके बाद भी शिक्षामित्रों का प्रदर्शन जारी है। अब तक इस प्रदर्शन के दौरान दो शिक्षामित्रों की मौत हो चुकी है। राज्यभर में हजारों शिक्षामित्रों ने स्कूल में ताले लगा दिए हैं और सड़कों पर उतर आए है। बरेली में 3400 शिक्षामित्र परिवार अघोषित भूख हड़ताल पर हैं। वे केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के आफिस में भी प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।
वहीं मुरादाबाद में तीन दिन से आंदोलनरत शिक्षामित्र खामोश नहीं बैठने के मूड में हैं। भारी संख्या में शिक्षा मित्र बुद्धि विहार स्थित सांसद और एमएलसी के आवास पर पहुंच रहे हैं।
उधर गोरखपुर में भी शिक्षामित्रों का आंदोलन जारी है, शिक्षामित्रों ने शनिवार को खजनी क्षेत्र में गोरखपुर-गोला मार्ग पर जाम लगा दिया। वहीं कुछ शिक्षामित्र बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर भी पहुंचे। डायट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। लगातार चौथे दिन आंदोलनरत शिक्षामित्रों ने शनिवार को ब्लाक रिसोर्स सेंटरों पर धरना दिया। इस बीच प्रशासन ने अपना रवैया सख्त कर लिया है।
शनिवार को खंड शिक्षा अधिकारियों ने अपने-अपने इलाके के विद्यालयों की जांच कर बंद विद़यालयों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को सख्त चेतावनी दी। प्रशासन ने कहा है कि शिक्षामित्रों को वापस अपने काम पर लौट जाना चाहिए। सरकार उनके बारे में विचार कर रही है। संघर्ष से समस्या का समाधान होने के बजाये इसके और जटिल हो जाने की आशंका है।
शिक्षामित्रों के लिए विधिसंगत रास्ते तलाश रही सरकार : योगी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा में बोलते हुए कहा था कि पिछली सरकारों की गलती की वजह से ही यह स्थिति पैदा हुई है। लेकिन शिक्षामित्र किसी के बहकावे में आकर तोड़फोड़ और हिंसा का रास्ता न अख्तियार करें, सरकार उनके लिए विधिसंगत रास्ते तलाश रही है।
विधान परिषद में बजट पर चचार् का जवाब देते हुए योगी ने कहा, 'शिक्षामित्रों के समायोजन में ही गलती थी। पूर्व की सरकारों ने गलत किया। मैंने अपर मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह शिक्षामित्रों का प्रतिवेदन लेकर सरकार के साथ बैठें। सरकार विधिसंगत रास्ते तलाश रही है।
उन्होंने कहा, 'जब सरकार विचार कर रही है तो सड़क पर हिंसा करना ठीक नहीं है। सड़क पर तोड़फोड़ न करें, हिंसा न करें, किसी के बहकावे में न आएं। विपक्ष उन्हें केवल वोट बैंक मानता है।' पिछले दो दिनों में हुई हिंसक झड़पों पर मुख्यमंत्री ने सख्त लहजों में कहा कि हिंसा होगी और हिंसा का शिकार कोई निदोर्ष होगा तो सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'वे सभी शिक्षामित्रों की बातें सुन रहे हैं। जिनका समायोजन नहीं हुआ था, सरकार ने उनका मानदेय बढ़ाया है। लोकतंत्र में रास्ता निकलता है। हम रास्ता निकालेंगे। सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी।'
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