BED : पैसे लेकर बीएड-एमएड डिग्री दी तो लगेगा ताला, कसेगा शिकंजा, नेशनल कॉउसिंल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने दिखाई सख्ती, देशभर में फैले बीएड-एमएड कालेजों की तैयार हो रही ग्रेडिंग
अरविंद पांडेय ’ नई दिल्ली । पैसे लेकर टीचिंग की डिग्री बांटने वाले बीएड और एमएड कालेजों का खेल अब खत्म होगा। नेशनल कॉउसिंल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने ऐसे कालेजों पर अब जल्द ही ताला लगाने का फैसला लिया है। सरकार से मिली अनुमति के बाद इस दिशा में पहल तेज कर दी गई है। मानकों के आधार पर सभी बीएड और एमएड कालेजों की जांच शुरू कर दी गई है। वहीं कालेजों की एक स्टैडर्ड ग्रेडिंग भी तैयार कराई जा रही है। इसके आधार पर ही इन्हें बंद करने का फैसला लिया जाएगा। फिलहाल यह पूरी प्रक्रिया 31 मार्च 2018 तक पूरी होगी।
एनसीटीई के मुताबिक देश में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए उठाए जा रहे कदमों के तहत यह तय किया गया है, कि पहले अच्छे शिक्षक तैयार किए जाए। इसके तहत शिक्षक तैयार करने वाले संस्थानों की गुणवत्ता को जांचने का फैसला लिया है। राष्ट्रीय स्तर पर बीएड और एमएड कालेजों की एक ग्रेडिंग तैयार कराई जा रही है। इसके आधार पर कालेजों की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाएगा। कालेजों को चार अलग-अलग ग्रेडिंग यानी ए, बी, सी और डी कैटेगरी में रखा जाएगा। इनमें से डी कैटेगरी वाले कालेजों को तुरंत बंद कर दिया जाएगा जबकि सी कैटेगरी वाले कालेजों को 12 महीने में अपने मानक और गुणवत्ता को सुधारने का मौका मिलेगा। वहीं बी कैटेगरी में आने वाले कालेजों की अगले पांच साल तक कोई जांच नहीं होगी। इसके साथ ही जो कालेज ए कैटेगरी में आएंगे, उन्हें पूर्ण स्वायत्ता प्रदान करने की सिफारिश की जाएगी। कालेजों की यह ग्रेडिग उनके मानकों और गुणवत्ता के आधार पर होगी। बता दें कि देश भर में मौजूदा समय में टीचर की डिग्री बांटने वाले करीब 15 हजार बीएड व एमएड कालेज संचालित हो रहे है।
🌑 नेशनल कॉउसिंल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने दिखाई सख्ती
🌕 देशभर में फैले बीएड-एमएड कालेजों की तैयार हो रही ग्रेडिंग
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